नरसिंहपुर। नांदिया-बिलहरा गांव में गांजा रखने के मामले में जेल गया धर्मेंद्रदास का साकेतधाम आस्था से खिलवाड़ का अड्डा था। वह खुद को हनुमानजी का अवतार बताकर मंगलवार-शनिवार को बंदरों की तरह हरकतें करता था। आस्थावान लोगों की भावनाओं से खूब खेलता था। इसके खास चेले इस बहुरूपिया के लिए जिलेभर में प्रचार करते थे। गांजा समेत अन्य तरह के नशे का यहां कारोबार होता था। महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ होता था। जिसके साक्ष्य भी पुलिस तक पहुंच गए हैं।
नांदिया के तथाकथित तांत्रिक स्थल साकेतधाम में वैसे तो रोजाना पचासों लोगों आवाजाही रहती थी लेकिन यहां बुधवार को सन्न्ाटा पसरा रहा। एक भी भक्त तो दूर बाबा के खास चेला-चपाटी भी यहां नहीं पहुंचे। कुछ तो गांव छोड़कर रिश्तेदारी में मामला शांत होने के लिए भाग चुके हैं। वहीं दो किलो गांजा के साथ गिरफ्तार धर्मेंद्रदास के जेल जाने पर नांदिया-बिलहरा समेत दर्जनों गांवों में लोग बेहद खुश नजर आए। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार साकेतधाम में होने वाले अनैतिक कार्यों का भंडाफोड़ होना ही था। इनके अनुसार मंगलवार-शनिवार को होने वाली नौटंकी सनातन धर्म पर आघात पहुंचा रही थी। हनुमानजी बनने की नौटंकी देखकर बाबा के झांसों फंसे सैकड़ों लोग लाखों रुपये बर्बाद कर चुके हैं। इसी तरह के कई सनसनीखेज खुलासे भी स्थानीय लोग कर रहे हैं।
बंदरों की तरह चीखता था ढोंगी
नाम न छापने की शर्त पर भुक्तभोगियों ने बताया कि मंगलवार-शनिवार का दिन साकेतधाम में महा नौटंकी का दिन रहता था। उनके अनुसार साकेतधाम में धर्मेंद्रदास हफ्ते के इन दो दिनों में खुद को हनुमानजी की वेशभूषा में पेशकर महाज्ञान की बातें बखारता था। ज्ञान की बातों के बीच बंदरों की तरह आवाज-चीख निकालता रहता था। क्रोध भरे स्वर कभी आरती की थाली फेंकता तो कभी लकड़ी का मुकदर जमीन पर पटकता। भीड़ में किसी एक व्यक्ति को चिंहित कर उसे भला-बुरा कहता। खासकर ग्रामीण महिलाओं, लड़कियों को अमंगल होने की चेतावनी देकर डराता-धमकाता था। कभी कहता कि मेरी शरण में आए हो तो चिंता मत करो तुम्हारे सारे दुख अब दूर हो जाएंगे। हर मंगलवार व शनिवार खुद को हनुमानजी के रूप में पेश कर बंदरों जैसी आवाज निकालकर भक्तों को अहसास कराता था कि साक्षात भगवान वही है। मंगलवार-शनिवार में इस तरह की नौटंकी का क्रम शाम 6 बजे से लेकर रात 10-12 बजे तक चलता था। इसके पहले वह दिन में लोगों की समस्याएं सुनता, उनके निराकरण के लिए शाम को हनुमानजी यानी खुद के चरणों में शीश झुकाने की बात कहता।
आधा दर्जन खास चेले नियुक्त
बाबा की नौटंकी का प्रचार करने के लिए केरपानी, राजमार्ग समेत अन्य गांवों में बाबा ने अपने खास चेले बना रखे थे। ये चेले साकेतधाम में बाबा को नियमित रूप से पांच-सात मंगल-शनिवार को आने वाले भक्तों की जानकारी देते थे। ये चेले जिलेभर में धर्मेंद्रदास की कथित आलौकित शक्तियों का प्रचार करते। इनका लक्ष्य ऐसे लोग रहते, जो दुखी हों, किसी समस्या से ग्रस्त हों। बाबा के हर कारनामे की इन्हें जानकारी रहती थी। ये चेले सेवादार के रूप में सिर पर लाल कपड़ा बांधे रहते थे। ये चेले-चपाटी लोगों के सामने ऐसा आचरण करते थे, मानो वे संत हों। ढोंगी की सिद्धियों का प्रचार बढ़ा-चढ़ाकर करते थे। ये चेले नरसिंहपुर, गोटेगांव समेत जिलेभर में पिछले एक साल के भीतर कई प्रवचन के कार्यक्रम भी आयोजित करा चुके थे।
गुरुवार को भक्तों के जाता था घर: चेले-चपाटियों द्वारा सिद्धियों की मार्केटिंग में जो लोग फंस जाते थे, उनके घर ये ढोंगी हर गुरुवार को खुद पहुंचता था। इसके बाद उनकी पीड़ा को हरने के वादे कर अपने झांसे में ले लेता था। तगड़ी रकम वसूलने के बाद ये बाबा अपने चेलों के माध्यम से कथित भक्तों को 5 से 11 मंगलवार व शनिवार नियमित रूप से आने के लिए प्रेरित करता था।
अय्याशी का अड्डा था साकेतधाम
ढोंगी को लेकर पुलिस के पास एक ऐसा वीडियो पहुंचा है जिसे देखकर अधिकारियों समेत साकेतधाम में पहुंचे भक्तों तक के होश उड़े हुए हैं। इस वीडियो में धर्मेंद्रदास की अय्याशियों के दर्जनों सबूत हैं। इस वीडियो में धर्मेंद्रदास कई महिलाओं के साथ रंगरलियां मनाता नजर आ रहा है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि आश्रम में इसने सुविधाओं से भरपूर एक गुप्त कमरा बना रखा है, जिसमें ये महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ करता था। ये वीडियो और फोटोग्राफ्स इतने अश्लील हैं कि इन्हें सामाजिक हित को देखते हुए उजागर नहीं किया जा सकता।
इनका ये है कहना
बाबा धर्मेंद्रदास का एक बेहद अश्लील वीडियो शिकायत के रूप में हमें मिला है। हम इसकी बारीकी और गंभीरता से जांच करा रहे हैं। इसके साथ कौन-कौन लोग थे, उनकी भी पड़ताल कर रहे हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर बाबा के खिलाफ अन्य जरूरी धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
अजय सिंह, एसपी, नरसिंहपुर।