नरसिंहपुर। नर्मदा सहित अन्य नदियों में बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत का अवैध उत्खन्न् कर परिवहन किया जा रहा है। जिले में ही नर्मदा पथ की भूमि पर करीब 10 हजार एकड़ में खेती हो रही है। नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन में सरकार लिप्त है और खनिज, परिवहन विभाग सहित अन्य विभागों की भी संलिप्तता है। नर्मदा नदी के सरंक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सभी के सहयोग और जागरूकता से ही नर्मदा के अस्तित्व को बचाया जा सकता है।
यह बात नर्मदा सरंक्षण के लिए करीब 450 किमी की नर्मदा चेतना यात्रा निकाल चुके पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र पटेल ने पत्रकार वार्ता में कही। श्री पटेल ने कहा कि नर्मदा सरंक्षण की मांग और नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ 24 जनवरी को अनूपपुर से होशंगाबाद तक 8 जिलों में सुबह 11 बजे से एक साथ जलसत्याग्रह किया जाएगा। पहले चरण की यात्रा में नर्मदा के घाटों की जो स्थिति देखी है वह चिंताजनक है। नर्मदा पथ नष्ट हो गए हैं, नर्मदा में बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत निकाली जा रही है। नर्मदा की सहायक नदियों की स्थिति खराब है। यदि यही स्थिति रही तो नर्मदा के साथ ही सहायक नदियां समाप्त हो जाएंगी। नर्मदा को नुकसान होने से हमारा पूरा जलतंत्र बिगड़ जाएगा और आज जो खेती, व्यापार की संपदा है वह खत्म हो जाएगी।
नर्मदा में बढ़ रह प्रदूषण
पूर्व जिपं अध्यक्ष श्री पटेल ने नर्मदा में बढ़ते प्रदूषण को भी बताया। उन्होंने कहा कि नर्मदा के जल का सैंपल लेने और नर्मदा को बचाने मुख्यमंत्री से लेकर प्रदूष्ाण नियंत्रण बोर्ड तक को उन्होंने पत्र लिखें हैं लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। मुख्यमंत्री के गांव जैत सहित रायसेन जिले में नर्मदा तटों की हालत सबसे ज्यादा चिंताजनक है। श्री पटेल ने कहा कि पिछले 10 से 15 साल में नर्मदा की स्थिति भयावह हो गई है इसके लिए भाजपा सरकार के साथ प्रशासन जिम्मेदार है। जिले से ही हर दिन करीब 500 डंपर रेत सागर-जबलपुर जा रही है। यदि हम सभी ने यही परिवहन रोक लिया तो नर्मदा को सुरक्षित किया जा सकता है। वार्ता के दौरान परेश शर्मा, भोला ठाकुर, राजीव राणा, अभिनव ढिमोले, सौरभ शर्मा, आनंद चौरसिया, प्रभात तिवारी, अभिषेक शर्मा, वैभव सरावगी सहित अन्य की उपस्थिति रही।