नरसिंहपुर। सार्वजनिक वितरण प्रण्ााली (पीडीएस) के अंतर्गत जिले की सभी राशन दुकानें 4 फरवरी से अनिश्चितकाल के लिए बंद हो रहीं हैं। इसके चलते गरीब हितग्राहियों को सस्ता अनाज नहीं मिल सकेगा। ऐसे हालात मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते निर्मित हो रहे हैं।
दरअसल मामला ये है कि कोरोनाकाल में शासन-प्रशासन ने पीओएस मशीन में हितग्राहियों के अंगूठा लगवाए बगैर खूब राशन बंटवाया लेकिन नए साल में अब इसकी रिकवरी शुरू कर दी गई है। पीओएस मशीन में स्टाक कम न होने के कारण शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों, कर्मचारियों को दोषी मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होने लगी है। इसे लेकर जिले की 125 सहकारी समितियों के अंतर्गत करीब 425 सोसायटियों के संचालकों ने आंदोलन का मन बना लिया है। मंगलवार को जिला मुख्यालय में मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। पीओएस मशीनें जमा की गईं, ज्ञापन देकर विभिन्न् समस्याओं को अविलंब दूर करने की मांग की। ऐसा न होने पर सभी ने आगामी 4 फरवरी 2021 से प्रदेशव्यापी बंद की चेतावनी भी दी है।
मंदिर में धरना-नारेबाजी: जिला खाद्य अधिकारी, उपायुक्त सहकारी संस्थाएं और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक को सौंपे ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मांगें पूरी न होने पर 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन कलम बंद आंदोलन किया जाएगा। जिले की सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें व सहकारी संस्थाएं, स्व सहायता समूह, उपभोक्ता भंडार पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसके पूर्व संघ के बैनर तले जिलेभर की सहकारी संस्थाओं के करीब 400 सोसायटी कर्मचारी सदर मढ़िया परिसर में जुटे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। प्रदेश सरकार की नीति का विरोध किया।
ये मांगें हैं प्रमुख: संघ के जिलाध्यक्ष राजकुमार कौरव ने बताया कि दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहुलाल सिंह के नाम एक ज्ञापन भेजा गया था। इसमें सहकारी समितियों के प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखापाल, लिपिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को शासकीय कर्मचारी घोषित कर मप्र सरकार के कर्मचारियों की तरह वेतन, भत्ते, बीमा व अन्य सुविधाओं का लाभ देने की मांग की गई थी। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में शासन द्वाररा जो राशन काटा गया है उसे तुरंत आवंटित करने, प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मामले वापस लेने की मांग भी अहम है। श्री कौरव के अनुसार संस्थाओं के पीडीएस कमीशन का भी कई वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है, इसे अविलंब देने की मांग की गई है। गेहूं, चना, सरसों, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि उपार्जन कार्य के कमीशन, प्रासंगिक व्यय का कई वर्षों से भुगतान न होना भी आक्रोश की वजह है। इसके तुरंत भुगतान की मांग पर कर्मचारी अड़े हैं।
तत्काल रोकी जाए कार्रवाई: अपने ज्ञापन में सहकारिता समिति कर्मचारियों का कहना था कि कोरोनाकाल में शासन-निर्देशानुसार गरीब जनता तक राशन पहुंचाने का काम सोसायटी कर्मचारियों ने जोखिम उठाकर किया था। सर्वर की दिक्कत के कारण राशन वितरण ऑफलाइन व रजिस्टर के माध्यम से किया गया। बावजूद इसके पीओएस मशीन में सोसायटियों का स्टाक कम नहीं किया गया। इसके चलते सोसायटी में पोर्टल पर भरपूर स्टाक नजर आ रहा है। शासन स्तर से राशन की कटौती के साथ कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। संघ ने तत्काल राशन कटौती व कर्मचारियों पर कार्रवाई को रोकने समेत कटौती वाले खाद्यान्न् की आपूर्ति करने की मांग पर जोर दिया है। उनकी मांग ये भी है कि समिति कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए।
कल से धरना-प्रदर्शन: सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के कार्यक्रमानुसार 3 फरवरी को मुख्यमंत्री, कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन, कलमबंद आंदोलन जिलास्तर पर होगा। 18 फरवरी को प्रदेश के सभी 55 हजार कर्मचारियों द्वारा राजधानी भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री का घेराव कर सामूहिक इस्तीफा सौंपा जाएगा। 19 फरवरी को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर चक्काजाम व इच्छा मृत्यु की मांग कर्मचारी करेंगे। आंदोलन के दौरान जिले की करीब 125 व पूरे प्रदेश की सभी 4525 सहकारी समितियां व उचित मूल्य की दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेंगी।
करीब सवा लाख गरीबों पर असर: शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन पाने वाले करीब सवा लाख उपभोक्ताओं को संकट में डाल दिया है। इन्हें राशन किस तरह से प्रदान किया जाएगा, इसे लेकर अधिकारी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। उनके अनुसार हालातों के मद्देनजर राशन वितरण की कार्ययोजना बनाई जाएगी।