ऑफिस जाने बीईओ साहब को नहीं मिला पास, इसलिए अटक गया 900 शिक्षकों का भुगतान
नरसिंहपुर विकासखंड का मामला, दो माह से नहीं मिली सैलेरी
नरसिंहपुर विकासखंड के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों, को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है। इसकी प्रमुख वजह घर से ऑफिस तक जाने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पास अनुमति पत्र का न होना है।
विकासखंड नरसिंहपुर के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में पदस्थ करीब नौ सौ शिक्षकों, अध्यापकों को पिछले फरवरी-मार्च का वेतन अब तक नहीं मिला है। हालांकि सहायक अध्यापकों को कुछ दिन पहले ही वेतन भुगतान किया गया है, जबकि शेष का मामला अभी तक अधर में है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी क अनुसार फरवरी माह का वेतन अलॉटमेंट शासन स्तर से ही नहीं आ पाया था। जिसके कारण शिक्षकों का भुगतान नहीं हो पाया। वहीं मार्च माह में वेतन लटकने का कारण लॉकडाउन की सख्ती है। इसके कारण संबंधित कार्यालय के कर्मचारी-अधिकारी घर से ऑफिस तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षकों के लंबित वेतन पत्रक लंबित हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी से मांगा पास
नरसिंहपुर विकासखंड के शिक्षकों, अध्यापकों को वेतन दिलाने के लिए बीईओ प्रताप नारायण सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर लॉकडाउन में घर से ऑफिस तक आने-जाने का पास मांगा है। इसके अलावा सहयोग के लिए एक कर्मचारी की व्यवस्था कर उसके लिए भी अनुमति चाही है। बीईओ के अनुसार चूंकि उनके पास घर से बाहर निकलने का अनुमति पत्रक नहीं है और लॉकडाउन को लेकर प्रशासनिक सख्ती बरती जा रही है, ऐसे में शिक्षकों के लंबित वेतन पर कार्रवाई करना मुश्किल हो रहा है। उनके अनुसार यदि उन्हें घर से ऑफिस तक आने-जाने की अनुमति मिल जाती है तो उनकी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान करा दिया जाए। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले सहायक अध्यापकों के वेतन का भुगतान हो चुका है।
शिक्षकों की बढ़ रही परेशानी: फरवरी माह में वेतन का भुगतान न होने से वैसे ही शिक्षक परिवार परेशान थे, वहीं मार्च का वेतन भी लॉकडाउन के कारण अटकने से उनकी समस्या कई गुना बढ़ गई है। शिक्षकों के अनुसार घर में किराने के सामान से लेकर अनाज के लिए दुकानदार जब पुराना चुकता करने का आग्रह करता है तो यह स्थिति शर्मसार करने वाली होती है। शिक्षकों के अनुसार वेतन अप्राप्त होने से घर की छोटी से छोटी लेकिन अनिवार्य जरूरत भी वे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। बिजली के बिल से लेकर किराए के मकानों में रहने वालों के सामने सबसे ज्यादा परेशानियां खड़ी हो रहीं हैं। शिक्षकों ने कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें लंबित वेतन का भुगतान कराने का आग्रह किया है।