नरसिंहपुर। कोरोनावायरस से संक्रमित होकर करीब 33% मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्टेड बिस्तर पर भर्ती किया जा रहा है। हालांकि ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत से मरीजों को समुचित इलाज देना चुनौती भरा हो गया है। वहीं अस्पतालों के सस्पेक्टेड वार्ड भर्ती मरीज जमकर मनमाने ढंग से ऑक्सीजन का दोहन कर रहे हैं। इससे जहां जरूरतमंदों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है, वहीं बेवजह खपत भी बढ़ रही है। इसे देखते हुए कलेक्टर भरत यादव ऑक्सीजन की खपत को लेकर सरकारी अस्पतालों में मूल्यांकन कर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में उनके द्वारा कराई गई मैपिंग का रिजल्ट यह है कि यहां पर 300 से कम ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होनी चाहिए। जबकि यहां अभी 350 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर लग रहे हैं जो कि बहुत अधिक है। खबर लाइव 24 से बात करते हुए कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि मैपिंग के रिजल्ट का लक्ष्य पाने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है इसके अंतर्गत जिला अस्पताल में ऑक्सीजन ऑडिट भी कराया जा रहा है इस ऑडिट टीम की रिपोर्ट की प्रतिदिन समीक्षा भी हो रही है इसमें जो कारण सामने आ रहे हैं। उसके आधार पर ऑक्सीजन की खपत को नियंत्रित करने की कवायद जारी है। रिजल्ट में कुछ तकनीकी कारण भी सामने आए हैं जिन पर काम चल रहा है। खासकर पाइप लाइनों में सीपेज की समस्या को को दिखवाया जा रहा है। जिला अस्पताल की सिविल सर्जन को कलेक्टर ने ऑक्सीजन खपत कम करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वास्तविक रुप से जितनी जरूरत है उतने ही ऑक्सीजन सिलेंडर सेंट्रलाइज सिस्टम में प्रतिदिन इंस्टॉल किए जाएं। ताकि आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल के स्टॉक में कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर बने रहें।