नरसिंहपुर: झूठा निकला अवैध खनन का हल्ला, नर्मदा के दोनों किनारों पर तनी मिली आस्था की चुनरी

जबलपुर की सीमा में खनन, शिकायत नरसिंहपुर में

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नरसिंहपुर। जिस घाट पर अवैध खनन की शिकायत की गई थी, वहां जांच टीम को नर्मदा के दोनों किनारों पर आस्था की चुनरी लटकी मिली।

नरसिंहपुर। जिस घाट को नरसिंहपुर जिले का बताकर ये हल्ला मचाया जा रहा था कि यहां पर माफिया ने सड़क बना ली है, मशीनों से अवैध खनन हो रहा है, वहां खेत खोदने वाली गैंती तक के निशान जांच टीम को नहीं मिले। यहां पर जांच टीम को यदि कुछ मिला तो नर्मदा के दोनों किनारों को जोड़ने वाली वह आस्था की चुनरी थी, जिसे नर्मदा भक्तों ने नर्मदा जयंती पर अर्पित की थी। ये नजारा सोमवार को गोटेगांव तहसील के ग्राम भैंसा स्थित घाटों का है।

जिले में लगातार अवैध खनन को लेकर प्रभारी मंत्री से लेकर कमिश्नर, कलेक्टर व एसपी आदि अधिकारियों के पास शिकायतें हो रहीं थीं। कहा जा रहा था कि नर्मदा के प्रतिबंधित घाटों पर बेतहाशा अवैध खनन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में बीते दिवस गोटेगांव तहसील के भैंसा गांव के नजदीक बरमकुंड घाट व आसपास के क्षेत्रों में एसडीएम निधि गोयल समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने पुलिसबल के साथ निरीक्षण किया। रियल टाइम फोटो भी मौके पर पहुंचकर उतारी। इस समूचे क्षेत्र में उन्हें रेत खनन के कोई निशान नहीं मिले। अधिकारियों की टीम ने ये रिपोर्ट कलेक्टर वेदप्रकाश को दोपहर होते-होते भेज दी। जिसमंे कहा गया कि संबंधित स्थलों पर न तो रेत खनन के लिए कोई रास्ता बनाया गया है न ही जेसीबी, पोकलैंड जैसी हैवी मशीनों के निशान ही यहां मिले हैं। रिपोर्ट मंे तस्वीरों को साझा कर ये तक कहा गया कि इन घाटों पर खनन की कोई परिस्थिति ही नहीं है। ये घाट बेहद गहरे हैं, जहां मशीनों को उतारना संभव ही नहीं है। नदी के घाट पथरीले हैं। यहां ऐसा एक भी स्थान नहीं है जहां पर माइनिंग का काम किया जा सके।


नर्मदा के अन्य घाटों पर भी नहीं मिला खनन: जिले की सीमा में प्रवाहित होने वाली नर्मदा नदी के अन्य प्रतिबंधित या डूब क्षेत्र वाले घाटों पर भी जिला प्रशासन की संयुक्त टीम को रेत खनन के कोई सबूत नहीं मिले हैं। संयुक्त टीम ने बरमकुंड घाट के अलावा सांकल घाट, जमुनिया घाट पर भी दबिश दी लेकिन यहां खनन करते कोई नहीं मिला। महादेव पिपरिया में कोई खदान होना नहीं पाया गया जबकि घाट पिपरिया में रेत खदान जरूर मिली लेकिन दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि यह रेत खनन के लिए अधिकृत कंपनी के पास है, जो यहां खनन व परिवहन का काम कर रही है।
जबलपुर की सीमा में खनन, शिकायत नरसिंहपुर में
झांसीघाट में जहां रेत का खनन हो रहा है वह सीमा जबलपुर में आती है। यहां पर बाकायदा खननकर्ता दिनरात जलपरी लगाकर, मशीनों से खनन करते रेलवे ब्रिज, सड़क पुल से देखे जा सकते हैं। इसके ही वीडियो-फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। खास बात ये है कि ये फोटो-वीडियो शिकायत के रूप में जबलपुर के प्रशासन से न होकर नरसिंहपुर जिला प्रशासन के समक्ष पेश करने से भी लोग गुरेज नहीं करते। इससे इन दिनों जिले के अधिकारी खासे हलाकान हैं।
चेकपोस्ट लगने से खनन थमा तो बढ़ गईं शिकायतें
जिले में रेत के अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए जिला प्रशासन ने खनिज निगम द्वारा अधिकृत की गई कंपनी को तकरीब 14 चेकपोस्ट नाके लगाने की अनुमति दी है। इनमें से लगभग सभी चालू हो चुके हैं, जहां पर बिना रायल्टी की रेत की धरपकड़ हो रही है। इसके चलते पिछले कुछ दिन पहले तक चेकपोस्टों पर इस तरह के मामले सामने आए जिसमें अवैध परिवहन की कोशिश में झगड़े भी हुए हों। जिला प्रशासन के अनुसार जिले में जो लोग अवैध खनन में लिप्त थे, वे अब इन चेकपोस्टों के कारण रेत का परिवहन नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते वे अब अवैध खनन की शिकायतें कर रहे हैं। इनकी तादाद रोजाना बढ़ रही है, इंटरनेट मीडिया माध्यमों के जरिए जो तस्वीरें या वीडियो जारी किए जा रहे हैं वे महीनों पुराने हैं या फिर जबलपुर जिले की सीमा में स्थित हैं।
शगुन-कुड़ी घाट से गायब रेत का अब तक पता नहीं
करेली तहसील के अंतर्गत नर्मदा के शगुन, रातीकरार व कुड़ी घाट में पिछले साल सितंबर में अवैध खनन कर नावों से रेत ढुलाई का मामला प्रकाश में आया था। तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल ने तब मौके पर पहुंचकर रेत के बड़े-बड़े 9 ढेर देखे थे, जिन्हें जब्त कराने की बात तो की गई लेकिन उन्होंने अगले 10 दिन तक इसे जब्त नहीं कराया। न ही तय निर्देशों के तहत पुलिस को इस संबंध में सूचित किया। नतीजा ये रहा कि ये ढेर भी रातोंरात गायब कर दिए गए। हालांकि जब ये मामला कलेक्टर के संज्ञान में आया तो उन्होंने कुछ लोगों को जुर्माने का नोटिस भी जारी किया था। गौरतलब है कि इन घाटों पर अवैध खनन को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस नेता देवेंद्र पटेल गुड्डू ने धरना-प्रदर्शन तक किया था। इसी कांड के बाद उन्होंने चेतना प्रवाह यात्रा भी निकाली थी।

हमें शिकायतें मिल रही थी कि गोटेगांव तहसील के बरमकुंड घाट में अवैध खननकर्ताओं ने रेत निकासी के लिए सड़क बनाई है। यहां मशीनों से अवैध खनन हो रहा है। सोमवार को हमने पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीमें बनाकर जांच कराई। टीम की रिपोर्ट में ये पता चला कि उक्त स्थल पर खनन की कोई परिस्थिति ही निर्मित नहीं है। जिस जगह की फोटो के आधार पर शिकायत की गई थी वो जबलपुर जिले की सीमा में आता है।
वेदप्रकाश, कलेक्टर, नरसिंहपुर।

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