नरसिंहपुर। कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का धरना-प्रदर्शन साक्षरता स्तंभ परिसर में 17वें दिन भी जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार को देश के किसानों के व्यापक हित में तीनों काले कानून वापस लेना चाहिए। दिल्ली की बार्डरों में चल रहे धरना-प्रदर्शन में बिजली , पानी और शौचालय आदि की मूलभूत सुविधाओं को बंद करना न केवल किसानों को प्रताड़ित करना है बल्कि मानवता के भी विरुद्ध है। संगठन के जिलाध्यक्ष बाबू लाल पटेल व अन्य किसान नेताओं ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों को परेशान कर रही है और देश का अन्न्दाता कड़कड़ाती ठंड मंे भूखा-प्यासा 72 दिन से खुले आसमान के नीचे आंदोलन करने विवश हैं। धरने पर बैठे किसान सुबोध शर्मा, देवेंद्र दुबे, श्यामलाल पटैल, कुंजबिहारी यादव, घनश्याम यादव, ऋषिराज पटैल, देवेंद्र पाठक, गोविंद सिंह पटैल, प्रकाश पटैल, रामपाल पटैल, कंछेदी पटैल, राजेंद्र सोनी, अरुण शर्मा आदि ने बताया कि सरकार को देश और किसानों के हित में कानून वापस लेना चाहिए एवं दो लाख रुपये तक के ऋण माफी, गाडरवारा सहित अन्य स्थानों पर समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी में हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए।