नरसिंहपुर। जिले में तेजी से फैलते कोेरानावायरस के चलते रविवार को जिला मुख्यालय समेत पांचों तहसीलों व कस्बों में टोटल लॉकडाउन घोषित किया गया था। हालांकि गाडरवारा में होली के मद्देनजर छोटे व्यापारी-दुकानदार जिला प्रशासन के आग्रह को नहीं माने। रंग, पिचकारी समेत सब्जी-फल आदि की दुकानें यहां खुली रहीं। सड़कों पर समय-समय पर आवाजाही भी बनी रही। वहीं बात गोटेगांव की करें तो यहां दिखाने के लिए दुकानें तो बंद थीं लेकिन व्यापारियों ने पिछले दरवाजे से सामानों की बिकवाली की। बरमान में तो लोगों ने हद पार कर दी। कोरोना के खतरे को ठेंगा दिखाते हुए पूर्णिमा स्नान के लिए घाटों पर जमघट लगाया। बिना मास्क पहने, शारीरिक दूरी के नियम की यहां खूब धज्जियां उड़ाई गईं। आम आदमी के साथ-साथ दुकानदार भी बेपरवाह नजर आए। हालांकि नरसिंहपुर, करेली, तेंदूखेड़ा की बात करें तो यहां पर स्वस्फूर्त बंद की स्थिति रही। सुबह से देर शाम तक इन जगहों पर चारों ओर सन्न्ाटा पसरा रहा। साईंखेड़ा में भी ऐसे ही हालात देखने को मिले।
शनिवार को जिले में एक साथ कोरोना के 52 नए मरीज मिलने के बाद जिला आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया था कि लाकडाउन का दायरा नरसिंहपुर शहर से बढ़ाकर अन्य तहसील मुख्यालयों और कस्बाई क्षेत्रों मंे भी किया जाना चाहिए, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। इसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए मप्र शासन को भेजने की बात कही गई थी। ये बात और है कि बैठक खत्म होने के बाद जैसे ही पता चला कि जिले में 52 नए मरीज आए हैं, जिला प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए सभी शहरी क्षेत्रों और कस्बों में लाकडाउन करने की मुनादी कर दी थी।
गाडरवारा में खुली रहीं दुकानें: पिछले एक सप्ताह में जितने भी कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं, उनमें से अधिकांश गाडरवारा तहसील से संबंधित थे। यहां पर प्रशासन ने 8 कंटेनमेंट क्षेत्र भी बनाए हैं। कुल मिलाकर सबसे अधिक संक्रमण का खतरा इसी तहसील में मंडरा रहा है। बावजूद इसके रविवार को गाडरवारा शहर में लाकडाउन अन्य जगहों की तरह नहीं रहा। यहां होली के मद्देनजर रंग-गुलाल, मिठाई, खिलौने, सब्जी-भाजी व फल आदि की दुकानें खुली रहीं। लोग खरीदारी करने आते-जाते रहे। शेष कपड़ा, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल्स, फर्नीचर आदि की दुकानें जरूर यहां पर बंद रहीं। बताया जा रहा है कि शनिवार को जब गाडरवारा में लाकडाउन का ऐलान किया जा रहा था तभी रोज कमाने-खाने वाले छोटे दुकानदारों ने अपना विरोध जताकर दुकानें खोले रखने की बात कही थी। चूंकि क्षेत्र में धारा 144 लागू नहीं की गई थी, इसलिए यहां पर छोटी दुकानें खुलने पर प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई। वहीं तहसील के अंतर्गत कोरोना प्रभावित साईंखेड़ा कस्बे की बात करें तो यहां पर लाकडाउन का शत-प्रतिशत असर देखने को मिला। लोगों ने जिला प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। आम आदमी ने भी घरों से बाहर निकलने में गुरेज किया।
चारों तहसीलों में बंद का व्यापक असर: रविवार को जिला मुख्यालय समेत करेली, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा के नगरीय क्षेत्रों में लाकडाउन का व्यापक असर देखने को मिला। यहां पर व्यापारियों व आम नागरिकों ने स्वस्फूर्त एक दिन के बंद को भरपूर समर्थन दिया। लोग अपने-अपने घरों में रहे। सघन आबादी वाली गलियां भी इस लाकडाउन के दौरान सूनी-सूनी नजर आईं। जिला मुख्यालय में धारा 144 प्रभावी होने के कारण यहां पर पुलिस का सख्त पहरा रहा। शहर के सुभाष पार्क, गांधी चौराहा, मुशरान चौक के अलावा सिंहपुर तिराहा, बाहरी रोड, मेन रोड आदि जगहों पर पुलिसकर्मी पहरा देते नजर आए। वाहनों से कोतवाली व स्टेशनगंज थाना पुलिस लगातार चौकसी करती रही। माइक से वे लगातार होलिका दहन कार्यक्रम में मास्क पहनकर आने व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने की हिदायत दी जाती रही।