नरसिंहपुर के जिला अस्पताल को इतना आधुनिक बनाकर जा रहे हैं कलेक्टर दीपक सक्सेना
नरसिंहपुर। जिला अस्पताल अब आधुनिक संसाधनों से लैस हो चुका है। इस अस्पताल में मौजूद उपकरण और गंभीर मरीजों के त्वरित उपचार के लिए आईसीयू और सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन जैसी महानगरीय सुविधाएं क्रियाशील हो चुकी हैं। जो अस्पताल दशकों से संसाधनों के नाम पर मंत्रियों के आगे गिड़गिड़ाता था, वही अब सुपर हास्पिटेलिटी की तर्ज पर इलाज देने के लिए तैयार है। यह सब कलेक्टर दीपक सक्सेना, के विजन की वजह से संभव हो पाया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के तबादले के दिन तक इस जिला अस्पताल में 6 बिस्तर वाली गहन चिकित्सा इकाई यानी आईसीयू बनकर तैयार हो चुकी है, जबकि 10 बिस्तर वाली दूसरी यूनिट तैयार की जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण सुविधा सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन की है। कोराना संक्रमित गंभीर मरीजों के लिए 45 बिस्तर वाले विशेष वार्ड को इससे जोड़ने का काम पूरा हो चुका है। इसे सेंट्रल पाइप लाइन को 82 बेडों से जोड़ा जाएगा। खास बात ये है कि जहां वेंटिलेटर को संचालित करने के लिए कई सहयोगी उपकरणों के साथ विशेषज्ञों की टीम की जरूरत पड़ती है, वहीं इस सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन के संचालन में मौजूदा स्टाफ ही इसका संचालन आसानी से कर सकेगा।
जिला अस्पताल में 45 बिस्तरों से जुड़े सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन के अलावा 200 बिस्तर ऐसे भी तैयार किए गए हैं, जिनके लिए जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध रहेंगे। प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुरूप इनकी आपूर्ति की है।
वेंटिलेटर के विकल्प में सीओपीएल
जिला प्रशासन ने बीती 26 मार्च को करीब 3 एडवांस आईसीयू वेंटिलेटर का ऑनलाइन ऑर्डर किया था। हालांकि इसकी आपूर्ति अभी तक नहीं हो पाई है। वहीं कोरोना संक्रमितों की संख्या मई-जून में बढ़ने के अलर्ट के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरुकरण, सीएमएचओ डॉ. एनयू खान और सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने नए सिरे से कार्ययोजना बनाकर वेंटिलेटर के विकल्प के रूप में सीओपीएल यानी सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन की कार्ययोजना प्रदेश सरकार को भेजी। करीब 13 करोड़ का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा। सरकार ने भी इस प्रस्ताव को हाथोहाथ लेकर तत्काल स्वीकृति दे दी। कुल बजट में से करीब साढ़े छह करोड़ के संसाधन प्रदेश शासन ने अपने ही स्तर पर उपलब्ध करा दिया।
एडवांस सीबीसी ब्लड एनलाइजर मशीन भी आई
सीओपीएल के अलावा जिला अस्पताल में एडवांस सीबीसी एनलाइजर मशीन भी आ चुकी है। इससे रक्त संबंधी बीमारियों की रिपोर्ट अब यहीं के यहीं मिल सकेगी। रिपोर्ट के लिए निजी अस्पतालों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
एक आईसीयू यूनिट तैयार: जिला अस्पताल में एक छह बिस्तर वाले आईसीयू यानी गहन चिकित्सा इकाई भी पूरी तरह से तैयार है। जबकि 10 बिस्तर वाली दूसरी यूनिट का काम भी अंतिम चरण में है। इसलिए जिला अस्पताल की आईसीयू यूनिट में 16 बिस्तर होंगे। जो फिलहाल जिले के किसी भी निजी अस्पताल की क्षमता से कहीं अधिक है।