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नरसिंहपुर। जिले मंे अमूमन 20 जून के बाद ही प्री मानसून की दस्तक होती है लेकिन इस बार इसकी जोरदार आवक 8-10 दिन पूर्व ही हो गई। शुक्रवार रात से शनिवार दोपहर तक हुई जोरदार बारिश के कारण जिले में कई जगह नदी-नाले उफान पर आ गए। कहीं-कहीं कच्चे मकान धराशायी हुए तो वहीं बरांझ-पाणाझिर का पुल बारिश के चलते डूब गया। सिमरिया से सिहोरा, नयाखेड़ा समेत एनटीपीसी से मेहरागांव-डोंगरगांव का रास्ता बारिश का पानी भरने के कारण 8 से 10 घंटे तक बंद रहा। इस अप्रत्याशित बारिश के चलते सर्वाधिक नुकसान किसानों को हुआ है। उनकी खेतों में कटी या कटने को तैयार मूंग की फसल बारिश ने तबाह कर दी है। धान के रोपे भी बारिश में बह गए।
जिले में शुक्रवार की रात से शनिवार दोपहर तक हुई बारिश के कारण शक्कर, शेढ़, हिरन का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं बरांझ नदी की बाढ़ से इमझिरा में रपटा पुल एवं पाणाझिर नदी की बाढ़ से डोभी के पास पुल डूबने से तेंदूखेड़ा-बरमान पर वाहनों की आवाजाही बंद है। डोभ्ाी की गणेश कॉलोनी, हाट बाजार, मंगल भवन के पास सुबह से दोपहर बाद तक पानी जमा होने से लोग घरों में कैद रहे।
गाडरवारा विधायक ने लिखा पत्र: जिले में खेतों में बड़ी मात्रा में पानी भर गया है जिससे मूंग की फसल सड़ने की स्थिति बन गई है। बारिश से मूंग की फसल को हुए नुकसान को लेकर गाडरवारा की विधायक सुनीता पटेल ने कृषि मंत्री को पत्र लिख दिया है कि मूंग की फसल में बारिश से जो क्षति हुई है उसका सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। वहीं जिन किसानों ने धान की बोवनी करने के लिए खेतों में रोपा तैयार किए थे वह बारिश से खेत भरने के कारण बह गए है। जिससे किसानों को आने वाले समय में धान की बोवनी करना भ्ाी मुश्किल होने वाला है। गाडरवारा तहसील के अंतर्गत ही कौड़िया गांव में मूंग के खेत बारिश के पानी से लबालब हो गए हैं। कोठिया गांव के घरों में पानी घुस गया है। किसान सुनील राय, महेश रघुवंशी, देवेन्द्र कतिया सहित अन्य किसानों की मूंग की फसल बारिश के पानी से खराब होने की कगार पर पहुंच गई। कोठिया गांव के शंकर चौधरी, दिनेश चौधरी, राजेश खोजर, नीलेश खोजर, मुन्न्ा लाल खोजर, मन्न्ूलाल खोजर, भूपेन्द्र पटेल, बृजेश परोसी, विजय चौधरी, काशीराम चौधरी, जीवनलाल चौधरी, अनंतराम चौधरी, बाबूलाल खोजर, आनीश श्रीवास्तव ने बताया बारिश का पानी घर में बहुत मात्रा में भर चुका है। इसके अलावा ग्राम खुलरी निवासी नवल सिंह पटेल के मकान की दीवार गिरने से पशुओं के लिए रखा भूसा खराब हो गया। ग्राम खुलरी-इमझिरी के बीच सुखचैन नदी पर बन रहे पुल का कुछ काम बाकी रहने के कारण आवागमन अवरुद्ध है। लोग जोखिम उठाकर पुल पार करते रहे। किसानों ने मूंग में हुए नुकसान का सर्वे कराने व मुआवजा देने की मांग शुरू कर दी है। वहीं नजदीकी ग्राम सिमरिया के इंद्रानगर में भी भूरीबाई पति दिनेश यादव का मकान बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है। बारिश की वजह से सिहोरा से गोंगावरी को जोड़ने वाला मार्ग भ्ाी शनिवार को दिन भर बाधित रहा। तेंदूखेड़ा के नगरीय क्षेत्र में भी सड़क पर बहता बरसाती पानी आसपास के घरों में घुस गया।
उफनाया घोघरा नाला: तेंदूखेड़ा नगरीय क्षेत्र के बीच से बहने वाला घोघरा नाला भ्ाी शनिवार को ऊफान पर रहा। जिससे नगर के पुजारी मोहल्ला तक नाले की बाढ़ का पानी फैला रहा। वहीं वार्ड क्रमांक 13 सगौनी का नगर से संपर्क टूट गया, रपटा पुल से आवागमन बंद रहा। हाइवे पर फोरलेने निर्माण के लिए सड़क की खोदाई होने से कार्यालयों तक आने जाने कर्मचारियों को भी परेशानी रही। बारिश ने झोपड़ी तोड़कर आवास योजना में पक्के बना रहे लोगों की गृहस्थी को भी नुकसान पहुंचा दिया है। आवास वाले हितग्राही अब टूटे मकानों पर तिरपाल डाल रहे है ताकि बारिश से बच सकें।
देवरी गांव में हो रहा जलभराव: फोरलेने निर्माण के दौरान सड़क से खोदी गई मिट्टी लापरवाही पूर्वक डाले जाने से राजमार्ग के समीपी ग्राम देवरी में भी जलभराव की स्थिति बनने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है। ग्रामीण फोरलेन कंपनी की लापरवाही से नाराज है।
तेंदूखेड़ा मंे सर्वाधिक 64 मिमी बारिश: मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटो में जिले में 4 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। बीते 24 घंटे में नरसिंहपुर तहसील में 38 मिमी, गाडरवारा में 13 मिमी, गोटेगांव में 42, करेली में 28 मिमी व तेंदूखेड़ा तहसील में सर्वाधिक 64 मिमी बारिश दर्ज की गई है।