नरसिंहपुर। जिले के पलोहा थाना अंतर्गत पुलिस की प्रताड़ना से एक युवक की मौत हो गई। आरोप लग रहा है कि थाने के अंदर पिछले 2 दिन से किसी मामले में युवक को बंद कर पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई की जा रही थी। यह मामला जैसे ही सामने आया पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पलोहा की थाना प्रभारी और तीन अन्य स्टाफ कर्मियों को निलंबित कर दिया है। घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
पलोहा थाना प्रभारी सरोज ठाकुर पंचम लाल उइके दीपक राजपूत सिद्धार्थ शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है । एसपी के निर्देश अनुसार इन सभी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान थाने में घटना घटित होने पर जांच की जाएगी। सूत्रों के द्वारा बताया जा रहा है कि वीरेंद्र लोधी पिता पंचम लाल लोधी को इंदौर के पीतमपुर से गिरफ्तार किया गया था। पलोहा थाना पुलिस कर्मियों के द्वारा, युवक को पलोहा थाना में अभिरक्षा में लिया गया था, युवक की गिरफ्तारी के उपरांत आज सुबह युवक की मौत की खबर परिजनों को लगी जिसमें परिजनों का आरोप है कि वीरेंद्र की मौत पुलिस कर्मियों की प्रताड़ना से हुई है। वही पूरे मामले में थाना प्रभारी सहित स्टाफ के अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है,एसपी विपुल श्रीवास्तव के द्वारा पूरे , घटनाक्रम की उचित जांच का परिजनों को भरोसा दिया है।
तेंदूखेड़ा रेप व हत्या के मामले में भ्रामक प्रचार का आरोप: पलोहा की निलंबित थाना प्रभारी सरोज ठाकुर अपनी कार्यप्रणाली को लेकर खासी विवादित रहीं हैं। बरमान चौकी में पिछले साल कोरोना के खतरे और पाबंदियों के बावजूद इन्होंने अवैध रूप से जन्मदिन की पार्टी मनाई थी। इसके बाद इन्हें तत्कालीन एसपी अजय सिंह ने निलंबित कर दिया था। हालांकि कुछ महीनों बाद ये जोड़तोड़ कर पलोहा थाने में पदस्थ हो गईं। हालांकि बरमान में पुनः पदस्थापना के लिए इन्होंने कतिपय लोगों की मदद से अपने ही महकमे पर दवाब बनाने मुहिम छेड़ी थी जो नाकाम रही। हाल ही में तेंदूखेड़ा में मासूम के साथ दुष्कर्म-हत्या के मामले में भी तेंदूखेड़ा पुलिस के विरुद्ध मुहिम में इनकी परोक्ष भूमिका के आरोप लग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसी के चलते एक एएसआई को एसपी ने लाइन अटेच कर दिया था। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत पहुंची है।