गन्ना के साथ काला चना, मूंग, अदरक की फसल
कृष्णपाल ने बताया कि उनके पास 13 एकड़ जमीन है। जिसमें उन्होंने एक एकड़ में जैविक गन्ना लगाया। गन्न्े की फसल के बीच करीब 10 फीट का अंतर रखते हुए अंतरवर्ती फसल में पहले काला चना लगाया। जिससे उन्हें साढ़े 5 क्विंटल उपज मिली और उसे बेचकर उन्हें करीब 33 हजार रूपये की आय हुई। इसके बाद इसी जगह में मूंग की फसल लगाकर 2 क्विंटल उत्पादन पाया जिससे 14 हजार रूपये मिले। मूंग की फसल कटी तो उसके बाद अदरक लगाया जिससे करीब 15 क्विंटल अदरक निकला और उसके विक्रय से 60 हजार रूपये का मुनाफा हुआ। कृष्णपाल कहते हैं कि गन्ना से भी करीब 51 क्विंटल गुड़ बना। जिसमें उन्होंने अदरक के साथ एक किलो वजन की पैकिंग की थी। यह गुड़ करीब 2 लाख 59 हजार रूपये में बेंचा। इस तरह गुड़, चना, मूंग, अदरक की उपज से 3 लाख 66 हजार रूपये की आय। जबकि सभी फसलों में उनकी लागत बीज, निंदाई के रूप में 66 हजार 340 रूपये रही। इस तरह जैविक और अंतरवर्ती फसल लेने के कारण उन्हें 3 लाख 1 हजार 640 रूपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। किसान का कहना है कि उन्होंने 12 एकड़ में जैविक खेती शुरू करते हुए जैविक प्रमाणीकरण संस्था से जुड़ गए हैं।
किसानों को होगा फायदा
कृषक कृष्णपाल को मिले सम्मान पर उनके कृष्ाक मंगलम एफपीओ के पदाधिकारी व किसान नवीन जैन, राजेंद्र लोधी, शुभम पटेल, शंभू पटेल, राघवेंद्र पटेल, नारायण सिंह, जीतेश सक्सेना, सिद्धार्थ पटेल, मिथिलेश जितेंद्र पटेल, इंद्रजीत लोधी, शैलेंद्र लोधी, अक्षय, अभिनय आदि ने कहा है कि जैविक खेती में उनके द्वारा जो नवाचार किया है उसका फायदा क्षेत्र के दूसरे किसानों को भी मिलेगा। बरहटा के उन्न्त कृष्ाक सुरेश गिरदौनिया ने कहा कि अंतरवर्ती फसल लेने की जो पद्धति कृष्णपाल ने अपनाई है उसे दूसरे किसान अपनाएंगे तो उन्हें भ्ाी कम लागत में दूसरी फसलों से अच्छा उत्पादन मिलेगा और खेती लाभ का धंधा बनेगी।