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नरसिंहपुर: बेदर खदान के रास्ते को लेकर विवाद ने राज्यस्तर के अधिकारियों के फुलाए हाथ-पांव

नरसिंहपुर। जिले की सीमा पर स्थित दुधी नदी की बेदर व संसारखेड़ा खदान के बीच चल रहा रास्ते का विवाद इस कदर तूल पकड़ रहा है कि इसने राज्य स्तर तक के अधिकारियों के हाथ-पांव फुलाकर रख दिए हैं। आनन-फानन में शासन द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। यहां उन्हें खनन के गड्ढे जरूर देखने को मिले लेकिन दोषी कौन, किसके विरुद्ध कार्रवाई होगी, इस पर वे एकराय नहीं हो सके। मामले में निर्णय का पूरा ठीकरा खनिज निगम के अध्यक्ष पर डाल दिया गया है।
ईडी के कार्यपालक निदेशक डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा की अध्यक्षता में गठित नरसिंहपुर व होशगांबाद जिले के अधिकारियों की टीम ने बीते दिनों मौके का निरीक्षण भ्ाी कर लिया है। जिसमें निरीक्षण दौरान अधिकारियों ने खदानों पर गहरे गड्ढे भी देखे है। दोनों खदानों के ठेकेदारो खदानों से संबंधित दस्तावेज भ्ाी बुलाए है। जिनकी जांच के साथ ही मौका निरीक्षण की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जिसके बाद खनिज निगम द्वारा कोई फैसला लिया जाएगा।
जिले में रेत का मामला लंबे समय से सुर्खियों में है और वैध खदानों की आड़ में अवैध खनन होने, होशंगाबाद जिले की रेत से भ्ारे वाहनों के जिले में दौड़ने की शिकवा-शिकायतें भ्ाी आम हो रही है। जिले की सीमा से लगी दुधी नदी की बेदर खदान और जिले की संसारखेड़ा खदान के बीच रास्ते का विवाद लंबे समय से चल रहा है। दोनों खदानों से निकलने वाले वाहनों के लिए एक ही जगह होने से हर समय यहां माहौल तनावपूर्ण बना रहता है। बताया जाता है कि इसी विवाद को सुलझाने के लिए मौके की जांच करने हाइपावर कमेटी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा के साथ होशगंाबाद के अपर कलेक्टर जीपी माली, जिले के अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर सहित माइनिंग विभाग और खनिज निगम के क्षेत्रीय कार्यालय से आए अधिकारियों ने मौके की जांच कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और उसके बाद निर्णय होगा कि दोनों खदानों के वाहनों के लिए कौन सा रास्ता तय होगा। जांच दल में शामिल रहे अधिकारियों ने यह तो कहा है कि मौके की जांच में गड्ढे देखने मिले है लेकिन इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने के मामले में खनिज निगम को ही सक्षम बताया जा रहा है।