अपर जिला दंडाधिकारी मनोज कुमार ठाकुर, एसडीएम राधेश्याम बघेल के साथ पुलिस व नगरपालिका के अमले ने सुभाष पार्क चौराहे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों पर मार्च किया। ये संयुक्त दल शहर की सघन आबादी वाली तंग गलियों में भी पहुंचा, जहां मिठाई का कारखाना, कबाड़ की दुकानें थीं। यहां उन्होंने मास्क न पहनने वालों को खूब फटकार लगाई। इस दौरान पुलिस के वज्र वाहन भी साथ-साथ चलते रहे। जो लोग मास्क नहीं पहने थे और शारीरिक दूरी के नियम की भी धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे थे, उन्हें दल-बल ने पकड़कर पुलिस लाइन स्थित परेड ग्राउंड में बनाए गए अस्थाई जेल पहुंचाया। ऐसे लोगों की संख्या 8 थी। इन लोगों के नाम-पते और मोबाइल आदि नंबर लिखने के बाद शाम को उन्हें स्वयं की जमानत पर रिहा किया गया। ढाई-तीन घंटे की अस्थाई जेल भोगने के बाद इन्हें सख्त हिदायत भी दी गई कि वे अब मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।
मास्क रखे थे लेकिन पहना नहीं: शहर भ्रमण के दौरान मुख्य सड़क पर संयुक्त दल ने जब दुकान-दुकान पड़ताल की तो उनकी नजर दो ऐसे संचालकों पर पड़ी जो मास्क तो रखे थे लेकिन उसे उन्होंने पहना नहीं था। ये देखकर अधिकारी इन पर खूब भड़के। उनका कहना था कि जब आप ही स्वयं मास्क नहीं पहन रहे हो तो बिना मास्क पहने आने वाले ग्राहकों को कैसे रोकेंगे। दुकानदारों ने खूब अनुनय-विनय किया, माफी मांगी लेकिन संयुक्त दल ने आखिरकार दोनों दुकानों को सील कर दिया।
निलंबित होंगे सरकारी कर्मचारी: शहर भ्रमण के दौरान सिर्फ आम आदमी ही नहीं सरकारी कर्मचारी भी बिना मास्क पहने संयुक्त दल को मिले। इनमें से दो होमगार्ड के सैनिक व दो-तीन कलेक्ट्रेट मंे पदस्थ बताए गए। एडीएम के निर्देश पर इन सरकारी कर्मचारियों से जुर्माना वसूलने के बाद इनके नाम-नंबर नोट किए गए। एडीएम ने बताया कि मास्क लगाने से परहेज करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की भी कार्रवाई की जा सकती है।