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नरसिंहपुर: मेडिकल के बजाय बंदियों के पहली बार जिला अस्पताल में हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन

नरसिंहपुर। जिला अस्पताल में नेत्र रोग की जांच के लिए पहुंचे केंद्रीय जेल के बंदी।

नरसिंहपुर। केंद्रीय जेल में बंद मोतियाबिंद से पीड़ित चार बंदियों को अब धुंधलेपन से नहीं जूझना पड़ेगा। जिला अस्पताल में गत दिवस इनके सफल ऑपरेशन कराए गए हैं ताकि इनकी नेत्रज्योति बढ़ सके। ये पहला अवसर है जब जिला अस्पताल में जेल मंे बंद कैदियों के ऑपरेशन हुए हैं।
जानकारी के अनुसार बीते दिवस शंकराचार्य नेत्रालय स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती चेरीटेबल ट्रस्ट मवई झौतेश्वर, गोटेगांव के मार्गदर्शन में दृष्टिहीनता नियंत्रण विश्ोष नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें जिला अस्पताल से सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल समेत डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर, बीएल कुशवाह, विजय कुमार माहोरे ने केंद्रीय जेल के चार बंदियों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया। यह पहला मौका है इसके पूर्व किसी भ्ाी प्रकार के ऑपरेश्ान के लिए बंदियों को मेडिकल कॉलेज जबलपुर भ्ोजा जाता था, जिससे जेल प्रश्ाासन को भ्ाी बंदियों के साथ सुरक्षा के लिए पुलिसबल भ्ोजना पड़ता था। इसके पहले जिला अस्पताल में बंदियों के ऑपरेश्ान नहीं हो पाते थे, लेकिन अब यह शुरुआत होने से निश्चित तौर पर बंदियों के साथ-साथ जेल प्रश्ाासन को सुविधा मिलेगी। यह जेल विभ्ााग के लिए एक उपलब्धि है।

नरसिंहपुर। जिला अस्पताल में ऑपरेशन पूर्व बंदियों के नेत्रों की जांच करते चिकित्सक।

ऑपरेशन शिविर में जेल विभ्ााग नरसिंहपुर द्वारा 07 बंदियों को मोतियाबिंद अॅापरेश्ान के लिए चिन्हित किया गया था। जिसमें से 02 पुरुष बंदी व 02 महिला बंदी की आंखों मंे मोतियाबिंद होने से ऑपरेशन किया गया। जिला अस्पताल में मरीजों का ऑपरेयान होने से बंदियों को बाहर नहीं भ्ोजना पड़ेगा। उनके स्वजन भ्ाी इस दौरान उन्हें देखने के लिए आ सकते हैं। उपस्थित डॉ. पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर, ने आयोजन में आंखों का चश्मा बनाने की सलाह देते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में नेत्र का बहुत ही महत्व होता है। जीवन में नेत्रहीन होना बहुत ही दुख की बात है।