नरसिंहपुर: राज्यसभा सदस्य ने सीएमएचओ को लगाई फटकार, बोले- ऐसे में तो फैल जाएगा कोरोना

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नरसिंहपुर। जिला अस्पताल परिसर में मंगलवार दोपहर के बाद भीड़ गायब रही।

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण के मामले में जिला वैसे ही खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है, वहीं जो लोग इस वायरस से संक्रमित होकर भर्ती हैं, उनके परिचित व परिजन भी खतरा बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही नजारा कुछ कई दिनों से जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा था। यहां कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के स्वजन, परिचित बेरोकटोक आवाजाही कर रहे थे। ये बात जब जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक के उपरांत उठी तो राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी भड़क उठे। उन्होंने दूरभाष पर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुकेश कुमार जैन को कड़ी फटकार लगाई। नतीजा ये हुआ कि कुछ ही देर में अस्पताल के कोविड वार्ड समेत अन्य परिसर से भीड़ नदारद हो गई।
भाजपा नेता कुंवर विक्रांत पटेल ने राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी को जब बताया कि जिला अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों से मिलने-जुलने से लिए उनके रिश्तेदार, स्वजन और परिचित सुबह-शाम आ रहे हैं। इन्हें रोका-टोका नहीं जा रहा है। जिससे मिलने-जुलने वाले लोग अन्य शहरियों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकते हैं। श्री पटेल ने ये भी कहा कि अस्पताल में मरीजों के परिचित बेवजह भीड़ लगाकर शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं कर रहे हैं। इस बात को  राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही जिलेवासियों के लिए भारी पड़ सकती है। उन्होंने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुकेश कुमार जैन को इस तरह की अव्यवस्था को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि खासकर कोविड वार्ड में जो मरीज भर्ती हैं, उनसे किसी को मिलने-जुलने की अनुमति न दी जाए। मिलने आने वाले लोगों को सख्ती से रोका जाए। इन निर्देशों का त्वरित असर भी देखने को मिला। जिला अस्पताल प्रबंधन ने थाना कोतवाली पुलिस की सहायता से अस्पताल परिसर में ओपीडी व कोविड वार्ड के आसपास घूम रहे लोगों को वहां से भगाया। सभी को भीड़ न लगाने की सख्त हिदायत दी गई। साथ ही अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों व अन्य नर्सिंग स्टाफ को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए। दोपहर करीब 3 बजे तक स्थिति ये बन गई कि जिस अस्पताल परिसर में देर शाम तक मरीजों के स्वजन व अन्य मिलाकर सौ-सवा लोग जमघट लगा रहता था, वह पूरी तरह से नदारद रहा। परिसर में सन्न्ाटा पसरा रहा।

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