नरसिंहपुर: जिले में नहीं रेमडेसिविर के इंजेक्शन, शासन को भेजी मांग, 7 दिन में राहत की उम्मीद
नरसिंहपुर। कोविड-19 कोरोनावायरस के संक्रमण से पूरा जिला प्रभावित है। जिला अस्पताल में करीब 145 संक्रमित मरीज भर्ती हैं, वहीं 50 से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी कोविड रिपोर्ट आना प्रतीक्षित है। इन बीमारों में कुछ ऐसे हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल तय स्तर से नीचे आने के कारण इन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत है लेकिन ये ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं। जबलपुर-भोपाल में भी इनकी उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने शासन स्तर से रेमडेसिविल के इंजेक्शन उपलब्ध कराने की डिमांड भेजी है। वहीं नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल द्वारा इंजेक्शन खरीदी के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपये स्वास्थ्य विभाग को सौंपे हैं। जिला अस्पताल प्रबंधन स्थानीय थोक-फुटकर दवा विक्रेताओं से संपर्क कर रेमडेसिविर के इंजेक्शन खरीदने के प्रयास कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल के अनुसार जिला प्रशासन के माध्यम से गई इंजेक्शन की डिमांड पूर्ति में करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है। वहीं शनिवार को सिविल सर्जन समेत उच्च स्वास्थ्य अधिकारी जिला मुख्यालय के थोक विक्रेताओं के संपर्क में रहे। उनसे कोटेशन भी मांगे गए और इंजेक्शन उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया गया।
किसी भी कंपनी का स्वीकार होगा इंजेक्शन: जिला अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी भी कंपनी का मान्य किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन को ऐसी शिकायतें मिल रहीं थीं कि कतिपय लोग एक खास कंपनी के इंजेक्शन को ही प्रमोट कर हैं। इस संबंध में अस्पतालकर्मियों-चिकित्सकों से अपने प्रिस्क्रिप्शन में सिर्फ रेमडिसिविर इंजेक्शन लिखने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि किसी कंपनी के प्रोडक्ट को न लिखें। मरीज स्वतंत्र है कि वह जिस कंपनी का चाहे उसका इंजेक्शन खरीदे। विदित हो कि शहर की चार दिन पहले जो मेडिकल दुकान सील की गई थी, उसे लेकर बेहद शिकायतें मिल रहीं थीं। आरोप लगे थे कि जिला अस्पताल के खास चिकित्सक के इशारे पर एक विशेष कंपनी का इंजेक्शन महंगे दामों पर बेचा जा रहा था। मरीज यदि किसी अन्य कंपनी का इंजेक्शन लेकर पहुंचते थे तो उसे वापस करा दिया जाता था।