नरसिंहपुर। जिले के प्रमुख नर्मदा तटों पर पुलिस की पहरेदारी से सुबह से शाम तक चहल-पहल गायब रही। नर्मदा स्नान की आस लेकर जो लोग घाटों तरफ आने बढ़े उन्हें पुलिस ने कहीं हाइसे ही लौटाया तो कहीं घाट तक पहुंचने के पहले ही चलता कर दिया। नवरात्र के पूर्व सोमवार अमावस्या पर भी घाटों पर लोगों को स्नान नहीं करने दिया गया था। कोविड संक्रमण के कारण यह लगातार दूसरा साल है जब नर्मदा के सभी प्रमुख तटों पर नवरात्र के दौरान रौनक गायब रही और मंदिरों में भ्ाी सन्न्ाटा रहा।
जिले में कोरोना संक्रमण के कारण नर्मदा में स्नान को प्रतिबंधित किया गया है। पहले सोमवती अमावस्या और फिर नवरात्र के दौरान घाटों पर कोई भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार जिले के प्रमुख घाटों पर निगरानी रखी जा रही है। सुआतला एवं बरमान पुलिस द्वारा सागर जिले से नर्मदा स्नान के लिए बरमान आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 पर स्थित टोल नाके पर बल तैनात रहा। जहां से लोगांे को स्नान प्रतिबंधित होने की जानकारी देकर लौटाया गया। वहीं सतधारा क्षेत्र में बरमान और करेली थाना की पुलिस बेरीकेटिंग के साथ बैठी रही। नर्मदा के ककराघाट, सांकल, झांसीघाट आदि स्थानों पर भ्ाी लोगांे की आवाजाही बेहद कम रही। वहीं नर्मदा के अन्य घाटों पर जरुर लोगांे ने लुक-छुपकर स्नान किया। बरमान चौकी प्रभारी अनिल भगत ने बताया कि हाइवे से ही अधिकांश श्रद्धालुओं को लौटा दिया गया था। सीढ़ीघाट जाने वाले मार्ग पर भ्ाी चौकी के सामने दोनों तरफ बेरीकेट्स लगा दिए गए है। यही व्यवस्था सतधारा में की गई है। करेली पुलिस द्वारा पुल के उस तरफ वाले हिस्से में निगरानी की जा रही है। तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी एसआइ अक्रजय धुर्वे ने बताया कि ककराघाट पर लोग स्नान के लिए पहुंचे इसके लिए बल लगाया गया है। ककराघाट पलोहा व तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र में आता है इसलिए दोनों थाना क्षेत्र के बल द्वारा निगरानी की जा रही है। जो लोग स्नान के लिए पहुंचते है उन्हें वापिस कर दिया जाता है। लेकिन कई लोग लोग लुक-छिपकर सुनसान घाटों तरफ पहुंच जाते है। नर्मदा का क्षेत्र चूंकि विस्तृत है इसलिए सभी नर्मदा तटों की निगरानी करना मुश्किल होता है। लोगों को बताया जा रहा है कि वह शासन के निर्देर्शो का पालन करें।