नरसिंहपुर। सर्दी-बुखार से पीड़ित कोरोना संदिग्ध मरीजों को उनके परिजन बिना चिकित्सक की सलाह लिए मनमाना इलाज देने लगे हैं। जिससे मरीज की हालत बिगड़ रही है। ऐसा ही मामला गुरुवार दोपहर सामने आया। यहां एक महिला मरीज को गंभीर स्थिति में आइसीसीयू में भर्ती करना पड़ा। बताया गया कि संदिग्ध वार्ड में भर्ती महिला को उनके स्वजन ने मनमाने ढंग से रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवा दिया। रातभर डॉक्टरों के बताए बिना ऑक्सीजन भी मरीज को देते रहे।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले गाडरवारा की एक महिला को बुखार की शिकायत होने पर जिला अस्पताल के संदिग्ध वार्ड में भर्ती कराया गया था। बुधवार को महिला का पति उसे लेकर बिना किसी को बताए सीटी चेस्ट कराने एंबुलेंस से चला गया। कथित रूप से महिला के लंग में इंफेक्शन की जानकारी दी गई। इसके बाद स्वजन ने मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद ऑक्सीजन सिलिंडर प्राप्त कर मरीज को कृत्रिम सांस एंबुलेंस में ही देना शुरू कर दिया। देर रात मरीज जब जिला अस्पताल पहुंचा तो स्वजन मरीज को भर्ती करने में आनाकानी करता रहा। नतीजतन नर्सों ने पीपीई किट पहनकर देर रात तक महिला को उपचार दिया। सुबह होने पर मरीज को भोपाल ले जाने की बात पर स्वजन यहां से चले गए लेकिन दोपहर को महिला की हालत गंभीर होने पर उसे वापस जिला अस्पताल लेकर आए। जिसके बाद उसे आइसीसीयू में भर्ती किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने बताया कि सीटी स्कैन से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन मरीज ने अपने मन से लिया है। शाम तक मरीज की हालत सामान्य थी।
इनका ये कहनामनमाने तरीके से बिना चिकित्सकों की सलाह लिए अपना इलाज न करें। ये खतरनाक हो सकता है। रेमडेसिविर हो या फिर ऑक्सीजन लेना, ये डॉक्टर तय करेंगे कि किसे इसकी जरूरत है। यदि कोई व्यक्ति अपने मन से ऐसा करता है तो वह स्वयं ही अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला होगा।मनोज ठाकुर एडीएम नरसिंहपुर