नरसिंहपुर। जिले में मूंग व गन्न्ा उत्पादक किसान अपनी फसलों की सिंचाई को लेकर हलकान हैं। इसकी वजह बरगी परियोजना के अंतर्गत बायीं तट नहर का अब तक शुरू न हो पाना है। जबकि परियोजना के अधिकारियों का दावा था कि 15 मार्च से शुरू कराया गया सुधार कार्य 15 अप्रेल के पूर्व समाप्त हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इससे अब सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता पर सवालिया निशान लग गया है।
बरगी परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सुधार कार्य लगभग पूर्ण किया जा चुका है, लेकिन सुधार के बाद नहर के पकने की स्थिति पर भी निगरानी की जाती है। इसी वजह से अब नहर का संचालन 25 अप्रेल या इसके बाद ही शुरू हो सकेगा। वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पं. मैथिलीशरण तिवारी ने बताया कि नहरों का संचालन नहीं होने के कारण विकट स्थिति बन गई है। इस स्थिति को उन्होंने कलेक्टर वेदप्रकाश के समक्ष भी रखा है, ताकि जल्द से जल्द कार्य पूर्ण हो और बांयातट नहर में पानी आ सके। विदित हो कि जिले में इस साल रिकार्ड 65 हजार हेक्टर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवाई की गई है। तेज गर्मी के बीच पानी की अधिक आवश्यकता महसूस हो रही है। इसके अलावा करीब 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्न्ा की फसल को भी सिंचाई की जरूरत होने के कारण किसान परेशान हो रहे हैं। किसान मनोहर सिंह पटेल ने बताया कि क्षेत्र में 10 नोजल एक साथ बेहतर सिंचाई करते थे, लेकिन नहर चालू नहीं होने के कारण वाटर लेवल नीचा होने से 5-6 नोजल ही चल पा रहे हैं।
इनका कहना हैकोरोना संक्रमणकाल में मजदूरों व सुधार सामग्री की कमी के कारण नहर सुधार के काम में देरी हुई है। ये बात सही है कि 15 अप्रेल तक नहर शुरू हो जाना थी, लेकिन वह नहीं हो सकी। हालांकि 25 अप्रेल तक नहर से पानी आना शुरू हो जाएगा।डीएस ठाकुरअधीक्षण यंत्री, एनवीडीए