नरसिंहपुरः निजी अस्पतालों को चेतावनी, 50 फीसद बिस्तर रखें आरक्षित, नहीं तो होगी धारा 144(1) की कार्रवाई

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नरसिंहपुर। जिले के सभ्ाी निजी अस्पतालों में बनाए गए कोविड 19 संक्रमण के बचाव व इलाज के लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी वेदप्रकाश ने धारा 144 के तहत बीते 17 अप्रैल को आदेश जारी किया है। कलेक्टर के संज्ञान में आया है कि  जिले में स्थित निजी अस्पतालों में कोविड- 19 के संक्रमण के बचाव-इलाज के लिए सेंटर बनाए गए हैं।  जिसमें देखा जा रहा है कि कोविड के मरीजों को इलाज के लिए नहीं लिया जा रहा है।  जिला दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा आदेश जारी किया गया है।
जारी आदेश के तहत जिले की की सभी निजी अस्पताल में बनाए गए कोविड 19 के संक्रमण के बचाव-इलाजके लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखे जाएं। कोविड19 के संक्रमण के मरीजों को अस्पताल में आने पर उनको इलाज के लिए मना नहीं किया जाएगा।  उनके इलाज के लिए तत्काल बेड उपलब्ध कराया जाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा है कि चूंकि यह आदेश जनसामान्य के जानमाल की सुरक्षा तथा भविष्य में लोक शांति भंग होने की संभावनाओ को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है तथा वर्तमान में ऐसी परिस्थितियां नहीं है और न ही यह संभव है कि इस आदेश की पूर्व सूचना प्रत्येक व्यक्ति को दी जाए। अत: यह आदेश एक पक्षीय तौर पर पारित किया जाता है। जनसामान्य की सूचना के उक्त आदेश को ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में प्रसारित किया जाए। उक्त सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने करने के लिए अपर कलेक्टर मनोज कुमार ठाकुर को प्रभारी बनाया गया है।
निजी अस्पतालों की होगी मॉनीटरिंग:  कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए जिले में अग्रवाल अस्पताल, नीखरा अस्पताल तथा पराडकरअस्पताल के 50 प्रतिशत बेड आरक्षित किए जा चुके हैं।  लेकिन यह पाया गया है कि यह हीला-हवाली करते हैं। इन अस्पतालों की मॉनिटरिंग के लिए अपर कलेक्टर मनोज कुमार ठाकुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है। श्री ठाकुर यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि इन अस्पतालों के द्वारा अवहेलना की जाती है तो धारा 188 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 तथा अन्य उपयुक्त अधिनियमों के तहत कार्रवाई की जाए।

 

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