नरसिंहपुर: सतधारा पुल के नीचे मिली मासूम, फिर बरमान पुलिस ने वो किया जिसकी चारों ओर गूंज

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नरसिंहपुर। बालिका को नए कपड़े पहनाते चौकी प्रभारी व आरक्षक।

नरसिंहपुर। बुधवार को करीब डेढ़ वर्षीय मासूम के प्रति पुलिस की न केवल संवेदनशीलता सामने आई बल्कि एक अभिभावक के तौर पर पुलिसकर्मियों ने उसे नहलाया, दूध-बिस्किट के साथ भोजन कराया। एक दुकान से मासूम के लिए नए कपड़े बुलाए और फिर वन स्टॉप सेंटर को बुलाकर बालिका उनके सुपुर्द की। यह बालिका पुलिस को सतधारा में नए पुल के नीचे मिली थी। जिसे डायल 100 के जरिए बरमान चौकी लाया गया था। बरमान चौकी प्रभारी एसआइ अनिल भगत ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 स्थित सतधारा पर नए पुल के नीचे करीब डेढ़ वर्षीय एक बालिका के मौजूद होने की सूचना डायल 100 को मिली थी। जिसके बाद आरक्षक शुभम, अंकिता, सैनिक रामकृष्ण के साथ मौके पर जाकर बालिका के संबंध में पूछताछ की गई तो किसी ने भ्ाी उस बालिका को नहीं पहचाना। संभवत बालिका को कोई जानबूझकर छोड़कर गया है, बालिका काफी भूखी थी और उसे जब पानी दिया गया तो वह काफी मात्रा में पानी पी गई। डायल 100 से बालिका को चौकी लाया गया और यहां उसे नहलाने के बाद दूध-बिस्किट दिया गया फिर खाना खिलाया। बालिका ने जो कपड़े पहने हुए थे वह काफी गंदे हो चुके थे इसलिए उसे नए कपड़े बुलाकर पहनाए गए। मामले में वन स्टाफ सेंटर को सूचना देकर बुलाया गया। नरसिंहपुर से सेंटर के कर्मचारियों के आने पर बालिका उन्हें सुपुर्द कर दी गई है। चौकी प्रभारी श्री भगत ने कहा है कि बालिका के संबंध में लोगों से सूचना देने के लिए कहा जा रहा है ताकि उसकी शिनाख्ती होने के बाद यह पता किया जा सके कि वह कहां की है और किस तरह वह सतधारा पुल के नीचे पहुंची। ठीक से बोल भी नहीं पा रही मासूम: चौकी प्रभारी का कहना है कि उक्त बालिका ठीक से कुछ बोल भ्ाी नहीं पा रही है। नए पुल के नीचे नर्मदा किनारे बालिका जिस स्थान पर मिली थी वहां भी काफी बारीकी से जांच की गई लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहंी मिला जिसके आधार पर उसकी शिनाख्त हो सके। पुलिस अब आसपास के लोगों से बारीकी से पूछताछ कर रही है कि ताकि पता चल सके कि बालिका पुल के नीचे पहुंचने से पहले कहीं किसी के साथ तो नहंी देखी गई थी, अथवा पुल के नीचे उसे छोड़कर जाते हुए तो किसी ने नहंी देखा था।

कोरोनाा कर्फ्यू से सुनसान है घाट: कोरोना कर्फ्यू के कारण सतधारा में नर्मदा के सभ्ाी तटों पर लोगों की आवाजाही कम है। जिससे घाट पर सन्न्ाटा रहता है। हाइवे से गुजरने वाले वाहन जरुर पुल  के आसपास खड़े होते है। स्थानीय लोग भी लुक-छुपकर नर्मदा स्नान करने के लिए पहुंचते है।

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