नरसिंहपुर। कोरोना महामारी के दौर में अब हालात ये हो गए हैं कि लोग बिना चिकित्सकीय परामर्श के लिए सीटी स्कैन, पैथोलॉजी जांच कराने लगे हैं। इसका नतीजा ये है कि लैबों में अनावश्यक भीड़ के कारण वास्तविक रूप से बीमार लोगों को जांच के लिए दो-तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। विकराल होती इस समस्या पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष व हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव चांदोरकर से लोगों से आह्वान किया है कि वे डॉक्टर्स के परामर्श पर ही पैथोलॉजी जांच कराएं। मनमर्जी से अपना इलाज न करें, ये खतरनाक हो सकता है।
डॉ. संजीव चांदोरकर ने बताया कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने और आसपास अनुकूल व्यवहार, वातावरण बनाने की जरूरत है। यदि खांसी, बुखार,जुकाम, बदन दर्द, दस्त, मुंह का बेस्वाद होना, नाक से गंध न आना ऐसे कोई लक्षण हों तो सबसे पहले खुद को स्वजनों से अलग करें। सरकारी सेवारत या निजी चिकित्सक से फोन, वाट्सएप या प्रत्यक्ष परामर्श करे और फिर जो वो उचित समझकर सलाह दे वे ही पैथोलॉजी टेस्ट कराएं। अपने मनमर्जी से पैथोलॉजी लैब जाकर अनावश्यक परेशानी और जांच से बचें, इससे संक्रमण के फैलाव रोकने मे भी मदद होगी। नजदीकी फीवर क्लिनिक जाकर कोविड 19 की जांच कराएं, अगर आक्सीजन लेवल 95-96 या उससे ऊपर है तो जब तक कोविड 19 की जांच रिपोर्ट नहीं आती, घर पर ही आइसोलेशन में रहें। कोविड के इलाज के लिए चिकित्सक द्वारा दी गई दवाएं नियमित लें और आक्सीजन लेवल की जांच करते रहें। सामान्य लक्षण वाले कोविड मरीजों को अधिकांशत: अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता या किसी किस्म के गहन जांच या उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती वे होम आइसोलेशन और कोविड के सामान्य इलाज से पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं। डॉ. चांदोरकर के अनुसार हृदय, दमा, कैंसर, शुगर आदि के बुजुर्ग मरीजों के मामले में अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने सभी से कोविड का टीका लगवाने का आह्वान किया।