नरसिंहपुर: वाट्सएप ग्रुप में मासूम को पहचान गया कोटवार, बेटी को पाकर मां के छलक उठे आंसू
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नरसिंहपुर। तीन दिन पहले जो बेटी नर्मदा के सतधारा घाट पर गुम हुई थी उसे शनिवार को सुरक्षित देखा और हाथों में लिया तो बालिका की मां व अन्य परिजनों की आंख से आंसू छलक उठे। बेटी को उसके परिजनों से मिलवाने में कोटवार की अहम भूमिका रही। दरअसल, बच्ची की तस्वीर कोटवार ने वाट्सएप ग्रुप में देखी थी, जिसे उसने पहचान लिया। वहीं मासूम की मां ने बताया कि 21 अप्रैल को वह नर्मदा नहाने के लिए सतधारा पहुंची थी जहां पर बालिका खेलते-खेलते गुम हो गई जिसके काफी तलाश किया लेकिन वह नजर नहीं आई तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 स्थित सतधारा में नर्मदा पर बने नए पुल के नीचे बीते 21 अप्रैल को एक बालिका के मिलने की सूचना डायल 100 को मिली थी। जिसमें बरमान चौकी प्रभारी अनिल भ्ागत और स्टाफ ने बालिका को चौकी लाकर एक अभिभावक की तरह उसे नहलाया, नए कपड़े पहनाए, भोजन कराया और फिर चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचना देकर नरिंसंहपुर से आए हेल्पलाइन कर्मियांे के सुपुर्द कर दिया था। उक्त बालिका के स्वजनों की पतासाजी के लिए पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव के निर्देशन एवं एएसपी सुनील शिवहरे, एसडीओपी मेंहती मरावी के मार्गदर्शन में टीम गठित की गई थी। जिसकी पतासाजी के बाद शनिवार को ग्राम पांजरा से बालिका के स्वजन आए और बताया कि बालिका का नाम हेमा पिता मोहन पटेल 2 वर्ष है। जो 21 अप्रैल को नर्मदा तट पर गुम हो गई थी और उसका तलाशी में लगा है। ऐसे हुई पहचान: सुआतला थाना के एसआइ विजय सेन ने बताया कि ग्राम कोटवारो का एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना है। जिसमंे बालिका की फोटो वायरल की गई थी ताकि उसके स्वजनों का पता चल सके। वायरल फोटो को जब पांजरा के ग्राम कोटवार ने देखा तो वह पहचान गया और जानकारी दी कि गांव के मोहन पटेल की यह बेटी है जिसके गुम होने पर परिवार कई दिन से तलाश कर रहा है। पुलिस ने इस सूचना पर पांजरा जाकर मोहन के परिजनों से बात की और बालिका की फोटो दिखाकर तस्दीक किया। उसके बाद उन्हें बुलाकर बालिका उनके सुपुर्द की गई। इस कार्रवाई में एसआई श्री सेन सहित एएसआइ सुमित तिवारी, प्रधान आरक्षक शशांक दुबे, आरक्षक गोविंद पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।