नरसिंहपुर: गांव में न घुस जाए कोई संक्रमित इसलिए ग्रामीणों ने मुख्य रास्ते पर कर दी नाकाबंदी
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नरसिंहपुर। जिस चावरपाठा विकासखंड के गांवों ईश्वरपुर, बीकोर, नौरंगपुर से जिले में पिछले साल कोरोना संक्रमण का प्रवेश हुआ था, वहां के लोग इस बार बेमिसाल जागरूकता का परिचय दे रहे हैं। इनमें से नौरंगपुर के ग्रामीणों ने तो बाकायदा मुख्य रास्ते पर नाकाबंदी कर रखी है ताकि कोई भी संक्रमण की आशंका वाला व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर सके। वे दिन-रात रास्ते पर आने-जाने वालों पर नजर रख रहे हैं।
जानकारी के अनुसार चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत ईश्वरपुर, बीकोर, नौरंगपुर आदि गांवों में रहने वाले परिवारों के बहुत से सदस्य अन्य प्रदेशों में कामकाज करते हैं। चूंकि पिछले साल इन गांवों में बाहर के जिलों-प्रदेशों से संक्रमण की घुसपैठ हुई थी। इसे देखते हुए इस बार ग्रामीण अधिक सतर्क हैं। नौरंगपुर गांव में तो प्रवेश मार्ग पर जागरूक ग्रामीणों ने लकड़ी लगाकर एक तरह से नाकाबंदी कर रखी है। इस मार्ग पर ग्रामीण लगातार नजर भी लगाए रखते हैं।
नौरंगपुर के ग्रामीणों की ये पहल आसपास के गांवों समेत विकासखंड में खूब सराही भी जा रही है।
पानी भरने हैंडपंप के पास लगाए गोले: परिषद के चावरपाठा विकासखंड समन्वयक धर्मेंद्र सिंह चौहान के अनुसार ईश्वरपुर में ग्रामवासियों ने समझाइश के बाद नई पहल की है। उन्होंने हैंडपंप से पानी भरने के दौरान सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए गोले बनाए हैं, ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। ग्रामवासी इस नियम का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। चावरपाठा ब्लाक के सीएमसीएलडीपी छात्र राजकुमार रजक, हर्षित साहू, परामर्शदाता कमलस्वरूप शर्मा, बीएसडब्ल्यू छात्र स्वच्छाग्राही सुखराम पटैल आदि ने जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न् उपाय किए हैं। कोविड- 19 कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दीवारों पर नारा लेखन कर ग्रामवासियों को गाइड लाइन और सुरक्षा उपायों का पालन करने की समझाइश दी जा रही है। समन्वित प्रयासों और ग्रामवासियों के सहयोग से गांव में अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। ग्रामवासी स्वयं कोरोना गाइड लाइन का पालन करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।