नरसिंहपुर: जान बचाने भागे जिला अस्पताल के डॉक्टर, मरीजों की जान पर संकट, हालचाल लेने नहीं पहुंचे प्रभारी कलेक्टर

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नरसिंहपुर। रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात जिला अस्पताल में हुई गैंगवार में चिकित्सकों-स्वास्थ्यकर्मियों को अराजक तत्वों ने जमकर कैंची और कांच के टुकड़ों से डराया। उन पर हमला करने दौड़े-भागे, नतीजतन वार्डों में तैनात चिकित्सकीय स्टाफ को जान बचाने यहां-वहां भागना पड़ा। चिकित्सकविहीन हुए जिला अस्पताल के वार्डों में मरीजों की जान पर संकट आ गया था, ये सूचना जिला प्रशासन व पुलिस के आलाधिकारियों तक को दी गई थी। जिसके बाद एडीएम मनोज कुमार ठाकुर, एएसपी सुनील शिवहरे दल-बल के साथ मौके पर करीब एक घंटे बाद पहुंच भी गए। अंत में एसपी विपुल श्रीवास्तव ने भी दस्तक दे दी, लेकिन न घटना समय पर न ही सोमवार को ही प्रभारी कलेक्टर चिकित्सकीय स्टाफ को ढाढस देने आए। घटनाक्रम ये है कि आजाद वार्ड निवासी पप्पू हाजी को जब उसके स्वजन अस्पताल लेकर आए तो आने के साथ ही उन्होेंने विवाद करना शुरू कर दिया। जब घायल को ड्रेसिंग के लिए अंदर ले जाया गया तो वहां भी कर्मचारियों को कार्य नहीं करने दिया। ड्रेसिंग कक्ष में ही घायल के साथ मौजूद युवकों ने कैंची और अन्य सामग्री उठाकर नुकसान करना, कैंची लहराना शुरू कर दिया। जिससे मौके पर मौजूद डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों ने घबराकर खुद को कक्ष से बाहर करते हुए सुरक्षित किया। अस्पताल में मौजूद डॉ. र ाहुल नेमा, डॉ. ओम बड़ोनिया सहित घटना की जानकारी लगने पर पहुंचीं सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल को भी भागकर खुद को सुरक्षित करने की नौबत बनी। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना पुलिस को दी तो करीब आधा घंटे बाद अपर कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंच गए। कोतवाली पुलिस के अमले ने विवाद को शांत किया और मामला दर्ज करने की कार्रवाई की। अस्पताल में हुए हंगामे और तोड़फोड़ का घटनाक्रम वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में दर्ज है। रात्रि के बाद से ही जिला अस्पताल में पुलिस बल तैनात किया गया और सोमवार को दिन भर यहां पुलिस की तैनाती रही।
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