नरसिंहपुर। जिला अस्पताल में जो वारदात-घटनाक्रम हुआ उसमें जिला प्रशासन की नाकामी साफतौर पर नजर आई। दरअसल, बाहरी लोगों की घुसपैठ को लेकर चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे थे लेकिन इसे जिला अधिकारी नजरअंदाज करते रहे। नतीजतन रविवार को वारदात हो ही गई। इसके बाद पुलिस महकमा अब अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात करने करने की बात कहने लगा है।
जिला अस्पताल में रविवार-सोमवार को जो वारदात हुई, उसकी एक प्रमुख वजह यहां पर सुरक्षा व्यवस्था के प्रति जिला प्रशासन का उदासीन रवैया रहा है। बीमार चल रहे कलेक्टर वेदप्रकाश ने हालांकि यहां पर धारा 188 जरूर लगाई थी, लेकिन प्रभारी कलेक्टर भरत यादव इस धारा के तहत चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा पुख्ता नहीं कर सके। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से बाहरी लोगों की घुसपैठ बढ़ रही थी। इसके चलते पहली बड़ी घटना तब हुई थी जब अलार्म बजने को लेकर मरीजों के स्वजनों ने हंगामा कर दिया था। घटना के वक्त भी भारी संख्या में पुलिसबल बुलाया गया था लेकिन इससे भी जिले के अधिकारी न तो सतर्क हुए न ही उन्होंने चिकित्सकीय स्टाफ की सुरक्षा के लिए कोई प्रयास किया। बताया जा रहा है कि चिकित्सक लगातार जिला प्रशासन से अस्पताल परिसर, वार्डों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। यही लापरवाही अंत्वोगत्वा भारी भी पड़ गई। असंवेदनशीलता की हद ये रही कि रात को डरे-सहमे चिकित्सकों ने प्रभारी कलेक्टर को घटना की सूचना दी लेकिन वे मौके पर नहीं पहुंचे। दूसरे दिन सोमवार को भी प्रभारी कलेक्टर का ऐसा ही रवैया रहा। उन्होंने चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास तक नहीं किया। हालांकि सरकारी प्रेसनोट में ये जरूर लिखा गया कि कलेक्टर घटना स्थल पर पहुंचे थे।
अस्पताल में रविवार की रात हुए झगड़े से डॉक्टर्स और कर्मचारियों में डर है। अस्पताल में तोड़फोड़ हुई है और कांच के टुकड़े, कैंची लेकर कर्मचारियों को डराया गया है। हमनें पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। कर्मचारियों को जान का भय है। यदि कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सख्त प्रबंध नहीं किए गए तो कर्मचारी कार्य करने में असमर्थता व्यक्त कर सकते हैं।डॉ. अनिता अग्रवाल, सिविल सर्जन जिला अस्पताल….जिला अस्पताल में अब बेमतलब बाहरी लोगों की घुसपैठ रोकने के लिए पुलिसबल तैनात कर दिया है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया है। चिकित्सकों-नर्सिंग स्टाफ की हर हाल में सुरक्षा पुख्ता की जाएगी। आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। एक की गिरफ्तारी हो चुकी है, शेष को भी जल्द हिरासत में ले लिया जाएगा।विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर।