नरसिंहपुर। रानी अवंतीबाई सागर परियोजना (बरगी) की नहरों में हुए भ्रष्टाचार की कहानी किसी से छिपी नहीं है। कई जगह तो नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है तो वहीं जहां पहुंच रहा है, वहां आए दिन टूट-फूट हो रही है। ताजा मामला बायीं तट नहर का है। जहां डेढ़ माह तक सुधार के नाम पर लाखों खर्च कर दिए गए। जब इसमें पानी छोड़ा गया तो यह नहर फूट गई। इस मामले को लेकर भारत कृषक समाज व जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पं. मैथिलीशरण तिवारी ने कलेक्टर से शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार रानी अवंतीबाई सागर परियोजना की बायीं तट नहर से जिले के अधिकांश भाग में सिंचाई होती है। विभाग द्वारा सुधार कार्य के नाम पर इसे बीती 15 मार्च से 15 अप्रेल तक के लिए बंद किया गया था। बाद में सुधार का काम 23 अप्रेल तक बढ़ा दिया गया। परियोजना के अधिकारियों ने दावा किया था कि 24 अप्रेल से नहर के जरिए किसानों को पानी मिलने लगेगा लेकिन हुआ उल्टा। जैसे ही तय तिथि पर कम मात्रा में नहर में पानी छोड़ा गया तो ये जबलपुर जिले में ही फूट गई। इसके चलते जिले के किसानों को पानी नहीं मिल पाया। पानी न मिल पाने चलते गोटेगांव, नरसिंहपुर, करेली तहसीलों के गन्न्ा व मूंग उत्पादन किसानों के माथे पर चिंता उभरने लगी है। इनकी फसलें खेत में ही पानी के बिना सूख रही है। पं. मैथिलीशरण तिवारी के अनुसार चूंकि वर्तमान गर्मी के मौसम में नाले, नलकूप व हैंडपंप गिरते भू-जलस्तर के कारण सूख चुके हैं। ऐसे में सिंचाई के साथ-साथ आम आदमी के अलावा पशुधन को भी पेजयल संकट पैदा हो गया है। श्री तिवारी ने शिकायत में इस बात पर आक्रोश जताया कि गलत समय पर सुधार कार्य के लिए पानी बंद करने से करीब 40 दिन तक नहर सूखी रहीं। इससे गर्मी की अधिकता के कारण नहरों में दरारें आ गईं और पानी आते ही वह फट गई। उन्होंने कलेक्टर से नहर में सुधार कार्य कराते हुए अविलंब पानी छोड़े जाने कार्रवाई करने की मांग की।
इनका ये है कहनागर्मी में लंबे समय से नहर बंद होने के कारण नहर में दरारें आ गईं थीं, इसी कारण ये घटना हुई है। हालांकि ये जबलपुर जिले का मामला है। त्रुटि समझ में आ गई है, सुधार जारी है, जल्द ही नहर में पानी आने लगेगा।मनीष पटेल, कार्यपालन यंत्री, एनवीडीए नरसिंहपुर।