नरसिंहपुर। संक्रमणकाल में कहीं पीड़ित मानवता की सेवा के लिए कार्य करने कई लोग सक्रियता दिखा रहे हैं तो कहीं मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने वाली घटनाएं सामने आ रहीं हैं। जिले के ग्राम बरमान में ऐसी ही एक दुघद घटना ने शासन-प्रशासन के साथ ही समाज की असंवेदनश्ाीलता को उजागर कर दिया है। बरमान निवासी बुखार से पीड़ित एक महिला को उसके स्वजन ऊबड़-खाबड़ रास्ते से हाथठेला में लिटाकर स्थानीय अस्पताल ले गए और दवाईयां लेकर घर लौटे लेकिन चंद घंटो बाद मंगलवार की देर रात महिला ने दम तोड़ दिया। घटना से पीड़ित स्वजन कह रहे हैं कि यदि समय पर अच्छा इलाज मिल जाता तो शायद मरीज की जान बच जाती।
घटना में मिली जानकारी के अनुसार मजदूरी कर गुजर बसर करने वाले बरमान निवासी हल्कीबाई पति जगदीश नौरिया का कुछ दिनों से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने जब स्वजनों को कोई साधन नजर नहीं आया और कहीं से मदद नहीं मिली तो स्वजन हाथ ठेले में लिटाकर मंगलवार की दोपहर उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां पर जांच की औपचारिकता के बाद कुछ दवाईयां दी गईं और ग्रामीण महिला को लेकर फिर हाथ ठेले से ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होते हुए घर आ गए। स्वजनों को उम्मीद थी कि दवाइयों से राहत मिलेगी लेकिन मंगलवार की देर रात महिला ने दम तोड़ दिया। महिला की इस तरह हुई मौत और उसे हाथ ठेले में अस्पताल लेकर जाने की स्वजनों की मजबूरी को लेकर स्थानीय कह रहे है कि जो लोग अपनी राजनैतिक दुकान चलाने हाथ-पैर जोड़कर चुनाव के दौरान वोट मांगने आते थे वह इस संकटकाल में गायब हो गए है। समाजसेवी होने का दंभ भरने वालों का भ्ाी पता नहीं है। इस संकट के दौर में जब परेशान लोगों को मदद और इलाज की समुचित व्यवस्था की दरकार है तो कोई मदद करने आगे नहीं आ रहा है।