नरसिंहपुर: वनभूमि में पेड़ों की अवैध कटाई के साथ जारी मिट्टी का अवैध खनन, माफिया के आगे वन विभाग नतमस्तक

0
नरसिंहपुर। बरमान वन परिक्षेत्र की हिरनपुर बीट में मिट्टी के अवैध खनन की बानगी।

धर्मेश शर्मा

नरसिंहपुर। जिले के बरमान वन परिक्षेत्र में जंगल की अवैध कटाई के साथ ही बड़े पैमाने पर मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है। वनक्षेत्र से लगी जमीन पर ही दर्जनों ईंट भट्टे आबाद हैं। हिरनपुर-बगदरी वीट में तो हालात यह है कि पचासों ठूंठ और काटी गई लकड़ी के ढेर, लंबे-चौड़े रकबे में मिट्टी खनन और लगे हुए भट्टे इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जिन कर्मचारियों को वन की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वही विभाग की मंशा को पलीता लगाकर चांदी पीट रहे है। ग्रामीण भी खुलकर कह रहे हैं कि वनरक्षक के इशारे पर ही यहां मिट्टी खनन होता है और ईंट भ्ाट्टे भ्ाी उनके सरंक्षण में चल रहे है।
जिले में वनभूमि पर अतिक्रमण और मिट्टी के अवैध खनन, अवैध रूप से ईंट भट्टे संचालित होने के मामले में बरमान वन परिक्षेत्र लंबे समय से सुर्खियों में है। बताया जाता है कि बरमान में जहां अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी हर समय रहती हैं, वहीं पर जंगल की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है। हाइवे से लगे ईको सेंटर के आसपास ही पेड़ो की कटाई हो रही है। साथ ही हिरनपुर-बगदरी बीट में तो स्थिति और भी खराब है, यहां न केवल पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है बल्कि वनभूमि के आसपास ही कई ईंट भट्टे चल रहे हैं।
नरसिंहपुर। जंगल में लकड़ी का ढेर।
बीट क्षेत्र में जहां-तहां सागौन सहित अन्य प्रजाति की कीमती लकड़ी के ढेर लगे हैं, जो पेड़ कटे है उनके नए-पुराने ठूंठ मौजूद हैं। जिनमें कई ठूंठ को जलाते हुए और मिट्टी डालकर ठूंठ को पुराने बनाने की कवायद भी की गई है। वनक्षेत्र से लगे ग्रामों के लोगों का कहना है कि वनक्षेत्र से लगकर जो ईंट भट्टे चल रहे हैं वह यहां पदस्थ वनरक्षक के संरक्षण में हैं जहां पर उनका नियमित वसूली की नियम से आना जाना भी होता है। ईंट बनाने के लिए भी वनभूमि से ही मिट्टी निकाली जाती है। एक ग्रामीण काशीराम चढ़ार तो खुलकर कहते हैं कि वनरक्षक भट्टों से वसूली करते हैं और जंगल की मिट्टी-लकड़ी का उपयोग कराते हैं। ग्रामीण प्रहलाद भी बताते हैं कि वनक्षेत्र से लगे क्षेत्र में 8 से 10 भट्टे चल रहे हैं। जंगल में जो लकड़ी कटती है वही भट्टों पर जाती है और बाहर भी सप्लाई होती है। भट्टा वालों को जिस तरह सरंक्षण है उससे यह भ्ाी लगता है कि वनरक्षक इस कार्य में पार्टनर भी है। खास तो यह भी है कि परिक्षेत्र कार्यालय की नजदीकी वीटो में ही जंगल को हो रहे नुकसान और वनभूमि के दुरुपयोग को रोकने अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे है।
हाइवे से लगे जंगल की निगरानी नहीं: बरमान वन परिक्षेत्र के तहत ही एनएच 45 भोपाल-जबलपुर हाइवे से लगा वनक्षेत्र आता है। जहां पर भी बड़े पैमाने पर जंगल की कटाई हो रही है और वनभूमि में मिट्टी के खनन की शिकायतें सामने आतीं रहीं हैं। कुछ महिनों पहले ही जिला प्रशासन ने बम्हनी क्षेत्र से लगी सरकारी जमीन से जब अतिक्रमण हटाया था तो यहां भी सामने आया था कि वनभूमि पर खेती हो रही थी और हजारों पेड़ों को काटा गया था। अवैध रूप से ईंट भट्टे लगाए गए थे। जिसमें प्रशासन ने भट्टा जब्त करने के साथ ही बड़ी मात्रा में लकड़ी बरामद की थी। इस कार्रवाई के दौरान यह भ्ाी स्पष्ट हुआ था कि वन विभाग की अनदेख्ाी के कारण ही यहंा अतिक्रमण फैला था। बावजूद इसके विभाग का अमला वन की सुरक्षा और वनभूमि के परिक्षेत्र में हो रहे दुरूपयोग को रोकने सक्रिय नहीं हो सका।
इनका ये है कहना
वनभूमि में यदि मिट्टी का खनन हो रहा है, पेड़ो की कटाई हो रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी। मुझे जानकारी नहंी थी कि वनभूमि का उपयोग भ्ाी ईंट भट्टों के लिए मिट्टी लेने व भट्टा लगाने में हो रहा है। इस संबंध में पता कराते है और जो भ्ाी होगा उसमें कार्रवाई होगी।
एमएस उइके, जिला
Leave A Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!
Open chat