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नरसिंहपुर: 22 मई को भीख मांगेंगे जिले संविदा स्वास्थ्यकर्मी, एकत्र राशि मृत कोरोना योद्धाओं को देंगे

नरसिंहपुर। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में डॉ. रिपुदमन सिंह को ज्ञापन सौंपते संविदा स्वास्थ्यकर्मी।

नरसिंहपुर। कोरोनाकाल में नियमित स्टाफ की तरह अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं दे रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रदेश सरकार से 90 फीसद न्यूनतम वेतनमान की मांग की है। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर व जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के माध्यम से अपना ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है। इसमें उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 22 मई को जनता के बीच जाकर भीख मांगेंगे। एकत्र राशि मृत कोरोना योद्धाओं को देंगे।

ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रदेश में तैनात 19 हजार संविदाकर्मियों जैसे आयुष चिकित्सक, फॉर्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, एएनएम, डेटा मैनजर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, टीबी कर्मचारी, बीसीएम, बीपीएम, सहयोगी स्टाफ, डेम, बेम, डीएचएस, अकाउंटेंट, सीएचओ, डीपीएमयू यूनिट, आइडीएसपी के मौजूदा व भूतपूर्व कर्मचारी पिछले वर्ष से कोरोना महामारी में आधे वेतन पर जान हथेली पर रखकर 24 घंटे काम कर रहे हैं। इस बार प्रतिदिन सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी करते हुए बीमार हो रहे हैं, कई संविदाकर्मियों के निधन तक हो गए हैं। कुछ कर्मियों के संक्रमित होने के कारण उनके पिता, भाई आदि की भी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे हालातों में आधा वेतनमान उनमें आक्रोश का कारण बन रहा है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से कहा गया कि 5 जून 2018 को सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए नीति बनाई थी। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों का न्यूनतम 90 फीसद वेतनमान देना तय किया गया था। इसके तहत महिला बाल विकास, राज्सव, खेल एवं युवा कल्याण, पशुपालन, लोक स्वास्थ्य कल्याण, लोक सेवा प्रबंधन व पुलिस कॉर्पोरेशन विभाग के कर्मचारियों को 90 फीसद का लाभ तो दिया गया लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की फाइल पिछले 3 साल से वित्त विभाग में अटकी पड़ी है। ज्ञापन में कहा गया है कि बीती 5 मई को भी पत्र भेजकर मांगों के निराकरण का आग्रह किया जा चुका है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो प्रदेश में चरणबद्ध रूप से आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन की ये है रूपरेखा: ज्ञापन में दी गई चेतावनी के अनुसार बीती 17 मई को ज्ञापन देने के बाद 20 मई तक कोरोनाकाल में सेवा के दौरान मृत कर्मचारियों की प्रतिमाओं पर पुष्पमाला पहनाकर, मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि देंगे। 22 मई को प्रदेशभर में जनता के बीच जाकर कर्मचारी भीख मांगेंगे, जो राशि एकत्र होगी वह कोरोनाकाल में शहीद कोरोना योद्धाओं के परिवार को अर्पित की जाएगी, साथ ही काले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं होती है तो 24 मई से प्रदेशभर के 19 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव व मरीजों को होने वाली असुविधाओं की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।