करीब डेढ़ दशक से पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के ग्राम बर्धनबादिया निवासी एसके विश्वास तेंदूखेड़ा तहसील के ग्राम पड़रिया में अकेले रहते हैं। जो ग्रामीणों का सामान्य बीमारियां होने पर इलाज-परामर्श भी करते थे जिससे गांव के सभ्ाी वर्गो से उनका जुड़ाव था। कोरोना संक्रमणकाल में जब 75 वर्षीय विश्वास भी संक्रमण की चपेट में आए तो उनके सामने संकट की स्थिति रही कि कौन उनकी देखभाल करेगा और स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने से लेकर भोजन, दवाईयों आदि की व्यवस्था करेगा। लेकिन ग्रामीणों ने इस मुश्किल घड़ी में भी वृद्ध विश्वास से बने आत्मीयता के रिश्तों को कायम रखा और गांव के सामाजिक कार्यकर्ता अभयराज सिंह ने आगे आकर किसी स्वजन की भांति उन्हें स्वयं रौंसरा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। साथ ही उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने के साथ्ा ही सुबह-शाम भोजन की व्यवस्था की। केंद्र में मिले इलाज के बाद स्वस्थ्य हुए विश्वास ने कहा कि उन्हें स्वस्थ्य बनाने में केंद्र के डॉक्टरों और स्टाफ का सराहनीय योगदान है। वहीं वृद्ध विश्वास के कोरोना से जंग जीतने की खबर जब गांव में लगी तो ग्रामीणों ने भी खुशी मनाई और जब उन्हें गांव लाया गया तो बैंड-बाजे बजवाकर स्नेह और अपनेपन के साथ सत्कार किया। ग्रामीणों का कहना है कि विश्वास को गांव में रहते हुए लंबा समय बीत गया है जिससे सभ्ाी का उनके साथ स्वजनों की तरह रिश्ता बना है। उन्होंने गांव के लोगों की अपने चिकित्सीय अनुभव से जो सेवा की है उसी के तहत उन्होंने भी अपना फर्ज कायम रखा है ताकि उन्हें इस मुश्किल घड़ी में यह अहसास न हो कि कोई उनका उनके पास नहंी है और वह अकेले हैं।