नरसिंहपुर: खतरनाक स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की पत्नी को इलाज देने से इंकार

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नरसिंहपुर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। इसका सर्वाधिक असर प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में देखने को मिला जहां स्वास्थ्य सेवाएं खतरनाक हालात में पहुंचती नजर आईं। बरमान स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो यहां एक गंभीर रूप से पीड़ित महिला मरीज का इलाज करने सहयोग देने से कर्मचारियों ने इंकार कर दिया। इसके लिए कर्मचारियों ने हड़ताल का हवाला दिया। जबकि मौजूद चिकित्सक लगातार संविदा स्वास्थ्यकर्मियों से आग्रह-अनुग्रह करते रहे लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।
बरमान निवासी भाजपा के नर्मदा मंडल उपाध्यक्ष नरेश पांडे ने बताया कि बीते बुधवार को वह अपनी बीमार पत्नी का इलाज कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र गए थे। जहां चौकीदार के अलावा कोई कर्मचारी नहीं था। चौकीदार के बुलाने पर डॉ. हीरेंद्र साहू आए और उन्होंने इलाज शुरू किया लेकिन मरीज महिला होने से इलाज में नर्स जरूरी होने से उन्हांेने नर्स को बुलाने प्रयास किया लेकिन केंद्र में पदस्थ दो स्टाफ नर्सों में एक भ्ाी कार्य करने तैयार नहीं हुईं। डॉक्टर के कहने पर श्री पांडे सहित स्वजन भी संविदा नर्स अनामिका श्रीवास्तव और दीपिका मेहरा को बुलाने और व्यक्तिगत तौर पर मदद करने के लिए मनाने पहुंचे। लेकिन दोनों महिला कर्मचारियों ने मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखते हुए हड़ताल का हवाला देकर इलाज में मदद करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मरीज के स्वजनों को अपनी परिचित एक दूसरी महिला कर्मचारी को एक किमी दूर से बुलाना पड़ा तब कहीं मरीज का इलाज हो सका। स्वास्थ्य केंद्र की इस अव्यवस्था और हड़ताल को वजह बताकर असंवेदनशीलता बरतने वालीं कर्मचारियों को लेकर लोगों में असंतोष है। लोगों का कहना है कि जो कर्मचारी संक्रमणकाल में भी मरीजों के प्रति इस तरह की असंवेदनशीलता बरत रहे हैं वह आमदिनों में मरीजों के प्रति कितने संवेदनशील होेंगे यह उजागर हो गया है। कर्मचारी हड़ताल करें लेकिन वह अपने मूल कर्त्तव्य और संवेदनाओं का भी ध्यान रखें जिससे किसी मरीज के साथ फिर ऐसी स्थिति न बने। स्वास्थ्य विभाग को भी केंद्रों में समय रहते व्यवस्था ठीक करना चाहिए। जिससे मरीजों को कोई परेशानी न हो। वहीं इस बारे में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन कुछ अलग ही राग अलापते नजर आए। उनका कहना रहा कि हड़ताल से कहीं व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं। बरमान की जो बात बताई जा रही है उसमें यदि लिखित शिकायत आएगी तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
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