नरसिंहपुर। सूदखोरी के चलते आत्महत्या करने वाले डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ के मामले में फरार चल रहे तीन में से एक आरोपी को कोतवाली पुलिस ने जबलपुर से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि ये आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए जबलपुर में रहकर दूध बेचने का काम करने लगा था। राहुल जैन को रविवार को पुलिस ने न्यायालय में पेशकर जेल भेजने की कार्रवाई की है।
थाना कोतवाली टीआई उमेश दुबे ने बताया कि डॉ. सिद्धार्थ के मामले की जांच कर रहे एसआई जितेंद्र गढ़ेवाल, आरक्षक आशीष और पंकज ने सायबर सेल की मदद से फरार चल रहे आरोपी राहुल जैन की लोकेशन जबलपुर में प्राप्त की थी। इसके बाद मुखबिरों की सहायता से आरोपी के निवास का पता किया गया। पड़ताल में पता चला कि सूदखोर आरोपी राहुल जैन गिरफ्तारी से बचने के लिए जबलपुर में रहकर दूध बेचने का काम करने लगा था। वह लगातार अपने परिजनों से भी मोबाइल पर कम ही बात करता था। अमूमन उसका मोबाइल बंद रहता था। हालांकि जब मोबाइल ऑन हुआ तो जिले की सायबर टीम के पास उसकी लोकेशन भी पहुंच गई। मुखबिर तंत्र की मदद लेकर विशेष टीम ने दबिश देकर राहुल जैन को जबलपुर से गिरफ्तार किया। इस तरह सूदखोरी और आत्महत्या कांड में अब तक पांच आरोपियों सुनील जाट, अजय उर्फ पप्पू जाट, भग्गी उर्फ भागचंद यादव, धर्मेंद्र जाट और राहुल जैन को जेल भेजा जा चुका है। जबकि दो आरोपी आशीष नेमा और सौरभ रिछारिया फरार हैं। ये दोनों ही पुलिस की नजर में मोस्टवांटेड बताए गए हैं। थाना प्रभारी के अनुसार जल्द ही ये दोनों सीखचों में होंगे। बता दें कि बीती 22 अप्रेल को डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ ने करेली रोड स्थित टट्टा पुल के पास ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। इस मामले की जांच में पुलिस को उनके घर से एक डायरी मिली थी, जिसमें मृत्यु पूर्व उन्होंने आत्महत्या का कारण सूदखोरों की प्रताड़ना बताया था। डायरी में 20 से अधिक सूदखोरों का नाम लिखा है, जिन पर आरोप है कि इन्होंने संगठित गिरोह के रूप में उनसे 5 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की थी।