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नरसिंहपुर। डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की आत्महत्या के डेढ़ माह होने को हैं। इस मामले में कोतवाली पुलिस की जांच में सिर्फ 7 आरोपियों पर ही अपराध दर्ज किया जा सका है। इसमें से भी पांच आरोपी सूदखोर ही गिरफ्तार हुए हैं, जबकि दो अब तक फरार हैं। प्रकरण में हालांकि पुलिस की जांच अभी भी जारी है और वह डायरी में दर्ज अन्य नामों के बारे में पड़ताल कर रही है। वहीं डॉ. सिद्धार्थ के परिजन भी इस आशा में हैं कि शायद आने वाले दिनों में जिन सूदखोरों की प्रताड़ना का जिक्र डायरी में है, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज हो जाएगा। हालांकि पुलिस की धीमी जांच से वे नाखुश भी हैं। परिजन के अनुसार यदि जांच में बाकी सूदखोरों का नाम नहीं आता है तो वे कोर्ट में परिवाद के जरिए इन लोगों पर केस चलाएंगे। इसके लिए जबलपुर हाइकोर्ट के नामी अधिवक्ता मनीष दत्त को परिजनों ने केस लड़ने के लिए तैनात किया है।
बीती 22 अप्रेल को डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ ने टट्टा पुल के पास किसी ट्रेन के सामने आकर अपनी जान गवां दी थी। आत्मघाती कदम उठाने के पूर्व उन्होंने घर में एक डायरी लिख छोड़ी थी, जिसमें आत्महत्या की वजह सूदखोरों की प्रताड़ना बताई गई थी। डायरी में 20 से अधिक नाम लिखे थे, जिन्होंने डॉ. सिद्धार्थ से 120 फीसद तक ब्याज वसूली की थी। उसकी जमीन-जायदाद, पुरानी गाड़ियों को बेचने का व्यापार सब हड़प लिया था। करीब पांच करोड़ की अवैध वसूली चंद लाख के एवज में सूदखोरों द्वारा की गई थी। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पुलिस ने 7 आरोपी सुनील जाट, अजय उर्फ पप्पू जाट, धर्मेंद्र जाट खैरी निवासी, भग्गी उर्फ भागचंद यादव किसानी मोहल्ला, राहुल जैन, आशीष नेमा, सौरभ रिछारिया गुलाब चौराहा पर आत्महत्या के लिए उकसाने और सूदखोरी की आड़ में अवैध वसूली का अपराध दर्ज किया था। इस मामले में अब तक सिर्फ 5 आरोपी ही जेल पहुंचे हैं, जबकि आशीष नेमा और सौरभ रिछारिया अब तक फरार हैं। पुलिस के अनुसार ये फरार ही मोस्टवांटेड हैं। इनकी गिरफ्तारी से ही सूदखोरी के नेटवर्क और परदे के पीछे रहकर डॉ. सिद्धार्थ से अवैध वसूली करने वालों के नाम उजागर हो सकते हैं। जहां तक डायरी में दर्ज अन्य नामों की बात है तो पुलिस का दावा है कि वह लगातार पूछताछ कर रही है।
हाइकोर्ट के मनीष दत्त लड़ेंगे डॉ. सिद्धार्थ का केस: डॉ. सिद्धार्थ के रिश्तेदार रीवा निवासी डॉ. अजय शुक्ला ने खबरलाइव 24 को बताया कि आत्महत्या और डायरी में दर्ज सभी सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उन्होंने अपना केस जबलपुर हाइकोर्ट के नामी अधिवक्ता मनीष दत्त को सौंपा है। उनकी टीम लोअर कोर्ट से लेकर अपर कोर्ट तक इन सूदखोरों के खिलाफ डॉ. सिद्धार्थ को न्याय दिलाने के लिए जिरह करेगी। डॉ. शुक्ला के अनुसार हालांकि उन्हें उम्मीद है कि पुलिस इस मामले में जल्द ही अपनी पड़ताल खत्म कर अन्य सूदखोरों का नाम भी केस डायरी में शामिल करेगी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में चल रही जांच पर फिलहाल भरोसा जताया है।