नरसिंहपुर: 67 दिन में खुला बाजार, चार तहसीलों में दिखा ‘दाएं-बाएं” का अनुशासन, गाडरवारा के व्यापारियों में रहा भ्रम

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नरसिंहपुर/गाडरवारा। कोरोना कर्फ्यू के समापन के करीब 67 दिन के बाद जिले में जैसे ही बाजार-दुकानें खुलीं तो लोग अपनी जरूरत का सामान लेने के लिए उमड़ पड़े। किराना की थोक व फुटकर दोनों दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी गई। हालांकि अनलाक की गाइडलाइन को लेकर गाडरवारा के व्यापारियों में गफलत का माहौल देखने को मिला। जिसके चलते बाजार की अमूमन हर दुकान खुली नजर आईं। वहीं नरसिंहपुर, गोटेगांव, करेली, तेंदूखेड़ा में आड-ईवन बहुद हद तक सफल नजर आया। पूर्व दिशा को पैमाना मानकर व्यापारियोंनने मंगलवार को सड़क के दायीं ओर की दुकानें खोलीं। उनकी कोशिश रही कि कोरोना गाइडलाइन के अनुशासन का वे पालन कर सकें।
कलेक्टर वेदप्रकाश द्वारा आड-ईवन के सरलीकरण के बाद जिले की चार तहसीलों में दुकानें अनुशासन के तहत खुलीं, हालांकि गाइडलाइन के पालन को लेकर कुछ कमियां भी नजर आईं। जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां मंगलवार को मुख्य सड़क समेत गली-मोहल्लों में स्थित सभी किराना दुकानें सुबह से देर शाम तक खुली रहीं। यहां पर सर्वाधिक भीड़ भी देखने को मिली। लोग जरूरत का किराना खरीदने के लिए आए। हालांकि कई दुकानांे पर कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं दिखा। न ही यहां पर सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था थी, न ही ग्राहकों को सामान देने के लिए गोला आदि डाले गए थे। इसकी निगरानी करने वाला भी कोई नजर नहीं आया। इतवारा बाजार, बाहरी रोड, बरगी क्षेत्र, स्टेशनगंज, पुराना नरसिंहपुर क्षेत्र में हाथठेले आदि पर सब्जी बेचने वालों की संख्या पहले की तुलना में अधिक रही। यहां पर पुरुष-महिलाएं आदि सभी खरीदारी करने के लिए घरों से बाहर निकले। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर की दुकानों पर भी बड़ी तादाद में ग्राहक पहुंचे। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर सामानों की खरीदी से अधिक उपकरण सुधरवाने लोग ज्यादा थे। कोई बिगड़ा मोबाइल तो कोई अन्य उपकरण सुधरवाने पहुंचा था। इसी तरह हार्डवेयर की दुकानों पर ऐसे लोग अधिक आए जो मानसून पूर्व अपने भवनों के अधूरे पड़े कामों को पूरा कर लेना चाहते थे। बारिश से बचने के लिए जरूरी सामानों की मांग अधिक रही। दूसरी ओर सड़क की दायीं पट्टी पर मौजूद सराफा दुकानें खुली जरूर लेकिन यहां ग्राहकी न के बराबर नजर आई। इन दुकानों पर कुछेक लोग पहुंचे जरूर लेकिन आम दिनों की तरह बिकवाली फीकी रही। हालांकि सराफा व्यापारियों के अनुसार हालात सामान्य होते ही सराफा व्यवसाय में भी बूम देखने को मिलेगा
बदलते फैसलों से व्यापारियों में रोष: अनलाक के तहत दुकानों को खुलवाने की प्रक्रिया को लेकर गाडरवारा के व्यापारियों में जरूर गफलत का माहौल देखने को मिला। यहां सोमवार दोपहर को निर्देश मिले थे कि आड-ईवन के तहत नंबरिंग के आधार पर दुकानें खोली जाएंगी। इसके लिए नगरपालिका ने पोस्टर भी चस्पा कर दिए थे। हालांकि देर शाम नया आदेश आया कि पूर्व दिशा को पैमाना मानते हुए सड़क के दोनों ओर की गणना के अनुसार दाएं-बाएं के आधार पर पहले दिन दाएं तरफ की दुकानें खोली जाएंगी। बावजूद इसके मंगलवार को हालात ये बने कि मुख्य बाजार स्थित सभी दुकानें खुल गईं। ये जानकारी होते ही नगरपालिका कर्मचारियों ने प्रशासन की मदद से बायीं ओर की दुकानों को बंद कराना शुरू कर दिया। इससे व्यापारियों में रोष पैदा हो गया। मुख्य बाजार स्थित झंडा चौक पर उन्होंने प्रशासनिक फैसलों को विसंगतिपूर्ण बताया। उनका कहना था कि सीजन में सिर्फ 15 दिन शेष रह गए हैं। जबकि दो माह से उनका कारोबार ठप है। काफी देर तक अधिकारियों-व्यापारियों के बीच चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं लिकल गया। अधिकारियों के जाते ही मुख्य बाजार समेत पूरे शहर में दुकानें कहीं आधी तो कहीं पूरी की पूरी खुली रहीं।
आज बायीं पट्टी की खुलेंगी दुकानें: जिले के बाजार आड-ईवन यानी सम-विषम के आधार पर खोले जाने हैं। इसके अनुसार पूर्व दिशा को पैमाना मानकर निर्णय लिया गया है कि सड़क के दायीं और बायीं ओर की दुकानें अलग-अलग दिन समान अंतराल के लिए खोली जाएंगी। मंगलवार को दायीं पट्टी की दुकानों को खोलना नियत किया गया था। जबकि बुधवार को बायीं पट्टी की दुकानें खोली जाएंगी। आड-ईवन का ये फॉर्मूला 15 जून तक के लिए है। इसके बाद जिला प्रशासन नए निर्देश जारी करेगा।
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