मामला ये है कि मुशरान वार्ड के अंतर्गत सांकल रोड पर कतिपय मकान निजी भूमि के सामने स्थित हैं। इसे लेकर कोर्ट में मामला लंबित है। एसडीएम राधेश्याम बघेल का कहना था कि इस मामले में उन्हें हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त था कि संबंधित याचिकाकर्ता की भूमि के सामने स्थित मकानों को हटाया जाए। इसके चलते मंगलवार को यहां पर चिंहित मकानों को हटाने की कार्रवाई के लिए कोतवाली पुलिस को इतला दी गई थी। इसके साथ ही नरसिंहपुर तहसील कार्यालय के आरआई, पटवारी और नगरपालिका के अमले को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए।
इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 8 मकानों को तोड़ने से रोकने स्थगन आदेश जारी किया था। जबकि छह अन्य लोगों के पास कोई स्थगन आदेश नहीं था। निजी जमीन मालिक की ओर से इस सिलसिले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जहां से प्राप्त आदेशों के परिपालन में शेष छह लोगों के मकानों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। इनकी डोर टू डोर पहचान करने के बाद राजस्व अमले ने इन्हें तोड़ने की कवायद शुरू की थी जो कि पुन: नए सिरे से आए हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद रोक दी गई। इन छह परिवारों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया था कि इस खसरे की जमीन पर पहले ही 8 लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश दे रखा है। अतएव उन्हें भी राहत दी जानी चाहिए। इस आशय का आदेश मिलते ही राजस्व अमले ने अपनी कार्रवाई रोक दी।
कर्मचारी करते रहे अफसरों का इंतजार
सांकल रोड पर कथित अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए एसडीएम कार्यालय की ओर नगरपालिका के अमले को ठीक 12 बजे मौका स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए थे। नपाकर्मी तय समय पर पहुंच भी गए, पुलिस भी आ गई लेकिन एसडीएम व अन्य राजस्व अमला नहीं पहुंचा। करीब दो-ढाई घंटे के बाद जब अफसर आए तो कार्रवाई शुरू हुई। समूची प्रक्रिया में शाम हो गई, इस दौरान कई नपाकर्मी अफसरों को कोसते नजर आए। उनका कहना था कि पूरी कार्रवाई के दौरान उन्हें किसी ने एक गिलास पानी तक का नहीं पूछा। उन्होंने ये भी कहा कि अधिकारी छोटे कर्मचारियों को समय पर तो बुला लेते हैं लेकिन वे खुद समय पर नहंी आते।
इनका ये है कहना
हाईकोर्ट के निर्देश पर ही हम चिंहित मकानों को हटाने गए थे लेकिन दोपहर बाद उनका भी हाईकोर्ट से स्टे आ गया। दरअसल, चिंहित मकानों के मालिकों ने हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से जारी अन्य लोगों के स्टे का हवाला दिया था। इसलिए हमें कार्रवाई रोकनी पड़ी।
राधेश्याम बघेल, एसडीएम, नरसिंहपुर।