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नरसिंहपुर: बालकों के संरक्षण के लिए बने कानून बताए, बाल अधिकारों पर जागरूक करने का आह्वान

नरसिंहपुर। शासन द्वारा संचालित समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं नियम 2012 विषय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शहर स्थित होटल में किया गया। इसमें बालकों के सर्वोत्तम हित की चर्चा के साथ उनके संरक्षण संबंधी विभिन्न् नियमों-अधिनियमों की जानकारी प्रदान की गई।
सुरक्षित बचपन की ओर बढते कदम पर आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजय गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत कमलेश भार्गव, उपपुलिस निरीक्षक नरसिंहपुर राजेश्वरी कौरव, जिला परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी राजेश सक्सेना और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राधेश्याम वर्मा उपस्थिति में किया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री गुप्ता ने बालकों को संरक्षण प्रदान करने के लिए बनाए गए अधिनियमों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कैसे एक सुरक्षित एवं बालमित्र माहौल में पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत कार्रवाई की जाती है। उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बालकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित इंद्र कुमार गिरि पूर्व सदस्य बाल कल्याण समिति ने जेजे एक्ट 2015 के तहत बालकों के प्रकार का उल्लेख करते हुए किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति की भूमिका स्पष्ट किया। उन्होंने बालकों के संबंध में बनाए गएसिद्धांतों के बारे में बताते हुए बालकों के सर्वोत्तम हित, निर्दोषिता, गोपनीयता तथा सुने जाने का सिद्धांत विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अभी हम केवल कुछ प्रमुख प्रावधानों के बारे में ही जागरूक हुए हैं। अभी बहुत से महत्वपूर्ण प्रावधानों पर कार्य किया जाना आवश्यक है। सीईओ जिला पंचायत ने सभी स्टेक होल्डर को बालकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करने के लिये अपनी- अपनी भूमिका निर्वाहन किये जाने के संबंध में अपने विचार रखे। मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिले के समस्त वार्डों एवं ग्राम पंचायतों में गठित हो रही बाल संरक्षण समितियों में बाल अधिकारों के लिए जागरूक जनप्रतिनिधियों को शामिल करने की अपील की। कार्यशाला में प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड स्वप्नश्री सिंह ने कार्यशाला का औचित्य समझाते हुए कहा कि यह विषय केवल ड्यूटी करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन परिवर्तित कर देने वाला विषय है। उन्होंने पॉक्सो एक्ट 2012 एवं नियम 2012 के व्यवहारिक एवं बाल हितैषी प्रावधानों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यशाला का संचालन संरक्षण अधिकारी सौनिध्य सराठे एवं आभार जिला कार्यक्रम अधिकारी राधेश्याम वर्मा ने किया।