नरसिंहपुर : जिले के सहकारी कर्मचारी सामूहिक रूप से देंगे सोमवार को गिरफ्तारी

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नरसिंहपुर।  जिले की सहकारी समिति के विक्रेता, संचालक, प्रबंधक, भृत्य, ऑपरेटर आदि सभी पिछले 11 दिन से बेमुद्दत हड़ताल पर हैं। नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को पूरा करने वे सोसायटियों में ताला डालकर शासन पर दवाब बनाने में जुटे हैं। हालांकि अब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं, इसके चलते 15 फरवरी को जिले के सहकारी कर्मचारी जेल भरो आंदोलन के तहत सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देंगे।
इसके पूर्व शनिवार को जिले की सभी 405 सोसायटियों से संबंधित कर्मचारियों ने अपने-अपने इस्तीफे संगठन के पदाधिकारियों को सौंपे। ये इस्तीफे भोपाल में प्रदेशाध्यक्ष को दिए जाएंगे। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, वे प्रदर्शन करते रहेंगे। सिर्फ आश्वासनों से अब काम नहीं चलने वाला है।
पहले टेंट जब्त कराया फिर धरने की दी अनुमति

शनिवार को जिला मुख्यालय में शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन कर रहे सहकारी कर्मचारियों के जिला प्रशासन ने टेंट जब्त करा लिए। वाक्या ये है कि लोक सेवा केंद्र के सामने जब सहकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए भजन-कीर्तन कर रहे थे, तभी शाम के वक्त अचानक एसडीएम राधेश्याम बघेल पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंच गए। उनका कहना था कि इस धरने के लिए चूंकि सहकारी कर्मचारियों ने कोई अनुमति नहीं ली है, इसलिए सार्वजनिक स्थल पर ये प्रदर्शन अवैध है। एसडीएम ने तहसीलदार से टेंट-तंबू तत्काल जब्त करने कहा। हालांकि कुछ नरमी भी एसडीएम ने दिखाई। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से कहा कि यदि आप अनुमति लेकर धरना देते हैं तो प्रशासन को ऐतराज नहीं है। इसके थोड़ी देर बाद कर्मचारी नेताओं ने एसडीएम को शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन के लिए आवेदन दिया। एसडीएम ने थाना कोतवाली का अभिमत लेकर सहकारी कर्मियों को धरना देने की अनुमति तत्काल जारी भी कर दी, टेंट-तंबू भी वापस कर दिए। हालांकि अनुमति पत्रक में कुछ शर्तें भी जोड़ी गईं हैं। जिसके अनुसार धरना के दौरान धारा 144 का पालन अक्षरश: करना होगा, किसी भी सूरत में मार्ग अवरुद्ध नहीं किया जाएगा। कोविड 19 की गाइडलाइन व शासन के निर्देशों का पालन समेत आयोजन में लोगों की संख्या भी गाइडलाइन के अनुसार सीमित रखना होगी। सभा निधारित स्थल पर दी गई समय सीमा में शांतिपूर्ण् तरीके से संपन्न् की जाएगी। चेतावनी दी गई है कि शर्तों का उल्लंघन होने पर अनुमति स्वमेव निरस्त मानी जाएगी और संबंधितों के विरुद्ध एकपक्षीय कार्रवाई होगी।

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