नरसिंहपुर: सरकार से पूछ रहे व्यापारी- देश में न अकाल, न हैं युद्ध के हालात, फिर क्यों जारी किया स्टाक लिमिट का आदेश
नरसिंहपुर। देश में न तो अकाल पड़ा है, न ही युद्ध के कोई हालात हैं, बावजूद इसके केंद्र सरकार स्टाक लिमिट का नियम लागू करना जिले के व्यापारियों के गले नहीं उतर रहा है। वे सरकार से इस नियम को लेकर सड़क पर उतरकर सवाल पूछने लगे हैं।
सोमवार को स्टाक लिमिट के विरोध में अनाज व्यापारियों ने मंडियों का कामकाज ठप रखा। नरसिंहपुर में मंडी प्रशासन के साथ अनाज व्यापारियों ने बैठक की। जिसमें कहा कि 6 माह पहले ही केंद्र सरकार ने कहा था कि वह अनलिमिटेड खरीदीं करें। स्टाक लिमिट का नियम केवल अनाज के दाम 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ने, युद्ध व अकाल की परिस्थिति होने पर ही लागू किया जाएगा लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी कर नियम लागू कर दिया। सरकार बताए कि जब न दाम बढ़े, अकाल-युद्ध की परिस्थिति भी नहीं है तो नियम क्यों लागू कर दिया गया।
जिले में स्टाक लिमिट का नियम लागू होने के पहले दिन यानि बीते शनिवार से ही व्यापारी विरोध कर रहे हैं। जिसके कारण पहले दिन करेली में किसान परेशान रहे। वहीं व्यापारियों ने दो दिन 5 व 6 जुलाई को भ्ाी खरीदी बंद करने का फैसला लिया तो सोमवार को भी मंडियों में सन्न्ाटा छाया। मंडी प्रशासन ने व्यापारियों की समस्या जानने बैठक बुलाई। जिसमें व्यापारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अपनी बात रखी। केंद्र सरकार द्वारा 6 माह पहले खरीदी और भंडारण में दी गई छूट एवं भंडारित अनाज पर ऋण देने की बात को विस्तार से बताया। व्यापारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्टाक लिमिट का नियम लागू कर व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है, व्यापार चौपट हो जाएगा। व्यापारी व किसान के बीच विवाद बढ़ेंगे। बैठक में ग्रेन मर्चेंट एसोएिशन के अध्यक्ष सतीश नेमा, मंडी सचिव रामसेवक गुमास्ता, प्रकाशचंद कटारिया, लालसाहब जाट, बबलू लूनावत, अंकुर साहू, सुनील जैन, सुधीर अग्रवाल, महेश्ा चौकसे, राजेंद्र राय, ललित नेमा, धनीराम नेमा, अमजद खान, मुकेश राय, नीतेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे। व्यापारियों ने 4 बिंदुओ पर अपनी बात को विस्तार से बताया।
गोटेगांव-गाडरवारा में भ्ाी बंद रही खरीदी: गोटेगांव में अनाज दलहन तिलहन संघ से अजय कुमार जैन, आलोक जैन, रिंकू जैन, दीपक राय, अनुराग जैन आदि ने ज्ञापन देकर स्टाक लिमिट के नियम का विरोध किया। साथ ही मंगलवार तक मंडी में खरीदी बंद रखे जाने के निर्णय से अवगत कराया। गाडरवारा की जवाहर कृषि उपज मंडी मंे भी व्यापारियों के निर्णय से खरीदी बंद रही और दिन भर यहां सन्न्ाटा छाया रहा। जबकि इस मंडी में हर दिन हजारों क्विंटल अनाज की आवक दर्ज होती थी। वहीं मंडियों में खरीदी नहीं होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। उनके अनुसार यदि आने वाले दिनों में बारिश का दौर शुरू होता है तो उनकी उपज कैसे बिकेगी ये गंभीर समस्या है।
रास सदस्य को सौंपा ज्ञापन: सोमवार को करेली में ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन ने राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी को ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा 3 नए कृषि कानून सुधार बिल 4 जुलाई 2020 को लोकसभा एवं राज्यसभा में पास किए जिससे सरकार द्वारा कृषकों को अपनी कृषि उपज कहीं भी विक्रय करने एवं किसी भी पैन कार्ड धारक को कहीं भी रक्षकों से कृषि उपज खरीदने की छूट दी गई थी। परंतु वर्तमान में ऐसा क्या कारण है कि सरकार को कृषि उपज पर स्टॉक सीमा की अधिसूचना जारी करनी पड़ी। देश में दलहन का पर्याप्त उत्पादन हुआ है और दलहन की कीमत समर्थन मूल्य के आसपास है और न ही दालों की कीमत अधिक है, न ही कोई अकाल की स्थिति है ऐसी स्थिति में स्टाक सीमा लागू होने से देश में लगभग 5 करोड़ 80 लाख व्यापारियों एवं व्यापार से जुड़े करोड़ों लोगों के रोजगार सब पर प्रतिकूल असर होगा। इसलिए स्टाक लिमिट की जारी की गई अधिसूचना शीघ्र वापस ली जाए क्योंकि इससे होने वाले प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष नुकसान की भरपाई कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं होगी। इसका असर आगामी वर्षों में स्पष्ट तौर पर देखने मिलेगा। एसोसिएशन के सह सचिव अमित छेड़ा ने कहा कि अभी तो सिर्फ 2 दिन के लिए ही खरीदी बंद करने का निर्णय प्रदेश स्तर पर लिया गया है। इन 2 दिनों के बाद ही जो प्रदेश स्तर पर निर्णय होगा उस पर काम किया जाएगा। मंडी में खरीदी बंद रहने से क्षेत्र भर के किसान परेशान हो रहे हैं।