नरसिंहपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जबलपुर के सिटी अस्पताल प्रबंधन समेत स्वास्थ्य विभाग, नेताओं को कुछ दिन पहले तक आड़े हाथ लेने वाले नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल के स्वर अब नरम हैं। शुक्रवार को गोटेगांव स्थित निज निवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जबलपुर के प्रभारी मंत्री श्री भदौरिया की कार्रवाई को संतोषजनक बताया। विधायक का कहना था है कि उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से जो मांग की है उस पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। विधायक ने नरसिंहपुर जिले में जबलपुर से आई एसआइटी का हवाला देकर कहा कि जिले से करीब 40 मरीज सिटी अस्पताल में इलाजरत थे। सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान ही लापरवाही के चलते जहां जिले के सिविल जज की मृत्यु हुई है, वहीं अन्य कई शिकायत भी मिली है। विधायक श्री पटेल ने बताया कि मामले में अस्पताल प्रबंधक पर रासुका लगाया गया है। अस्पताल को बंद कराया गया है वही जांच भी आगे बढ़ रही है। विदित हो कि चार दिन पहले ही विधायक जालम सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सनसनी फैला दी थी कि जबलपुर में उन्हें छह नकली रेमडेसिविर के इंजेक्शन लगाए गए थे। इसमें उन्होंने सिटी अस्पताल समेत जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग, नेताओं को आड़े हाथ लिया था। बड़ी संख्या में जबलपुर में आए इंजेक्शनों की खेप की जांच कराने की मांग की थी। सिटी अस्पताल को राजसात करते हुए इसे कोविड सेंटर बनाने तक की मांग उन्होंने अपने पत्र में की थी। इस पत्र ने जबलपुर संभाग समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। विधायक जालम सिंह के इस कदम को राजनीतिक गलियारों में सत्ता पक्ष के साथ टकराव के रूप में भी देखा जाने लगा था। हालांकि शुक्रवार अचानक मुख्यमंत्री, जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री की कार्रवाई को संतोषजनक बताकर विधायक ने एक तरह से उन लोगों चौंका दिया है जो कहीं न कहीं उनके विरोधी थे।
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