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खाकी वर्दी वाले कोरोना वारियर्स ने भूखे परिवार को पहुँचाया राशन, रक्तदान से बचाई जान

नरसिंहपुर। एक गरीब के घर न राशन था न इसे खरीदने पैसे। पति परिवार का पेट भरने खाली जेब आसपास अनाज का जुगाड़ करने निकल गया। इसी बीच घर में मौजूद महिला ने डायल 100 में फ़ोन कर अपनी व्यथा सुना दी। कुछ देर बाद महिला की चौखट पर पुलिस विभाग के दो कोरोना वारियर राशन लेकर पहुँच गए। उन्होंने गरीब महिला को अपनी जेब से 250 रुपए भी दिए। दूसरा मामला भी ऐसी ही उत्कृष्ट मानवसेवा से जुड़ा है। भीषण गर्मी में सेवा दे रहे एक आरक्षक ने 78 साल की बुजुर्ग को ओ नेगेटिव रक्तदान कर उसकी जान बचाई। ये दो वाक्ये ऐसे हैं, जो आपको इन कोरोना वारियर्स को सलाम ठोंकने के लिए मजबूर कर देंगे।

पहला मामला करेली थानांतर्गत बरमान कला का है। जानकारी के अनुसार 17 अप्रैल की दोपहर बरमान कला की रहने वाली सुधा साहू ने डायल 100 पर फोन लगाकर बताया कि उसके घर में अन्न् का एक भी दाना नहीं है। लॉकडाउन के कारण पति विजय साहू भी बेकार बैठे हैं। हम-सब भूखे हैं, हो सके तो राशन दे दो। यह जानकारी मिलते ही डायल 100 के सैनिक बसंत और पायलट सविनय यादव ने बिना देर किए सबसे पहले राशन की व्यवस्था की। इसके बाद वे इसे लेकर बरमान कला गांव पहुंच गए। जहां उन्होंने महिला को दाल, चावल, आटा आदि प्रदान किया। महिला ने बताया कि उसका पति विजय साहू राशन की तलाश में निकला है। उसके पास एक भी रुपए नहीं है। महिला की ये बात सुनकर इन कोरोना वारियर्स का दिल ऐसा पसीजा कि इन्होंने तत्काल अपनी जेब से ढाई सौ रुपए निकाल महिला को दे दिए। इस घटना की जानकारी जिसे भी लगी वह भावुक हुए बगैर नहीं रह सका। खासकर सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग के कोरोना वारियर्स को हर कोई नमन करता नजर आया।
बुजुर्ग को चाहिए था ओ नेगेटिव रक्त: जिला अस्पताल में गंभीर महिला को रक्तदान करने वाले वाले आरक्षक दिनेश अहिरवार के चर्चे थमे नहीं थे कि, दूसरे दिन शुक्रवार को पुलिस विभाग के ही एक अन्य आरक्षक ने बुजुर्ग महिला को दुर्लभतम ओ नेगेटिव रक्तदान कर उनकी जान बचाई। जिला मुख्यालय में रहने वालीं वेटरनरी में पदस्थ एबीएफओ आरएन तिवारी की मां पार्वती बाई तिवारी 78 वर्ष को रक्त की जरूरत थी। जब यह बात ड्यूटी कर रहे आरक्षक शशांक  फरसोईया को पता चली तो हेल्पडेस्क की मदद से आगे आकर उसने रक्तदान कर जरूरतमंद महिला की  जान  बचाई।  लोगों  की  मदद  कर  रहे  संगठन हेल्पडेस्क  ने  इस कार्य मे महत्वपूर्ण भूमिका  निभाई। हेल्प  डेस्क के  रोहित पटेल  के  अनुसार महिला श्रीमती तिवारी  को  ओ  नेगेटिव  रक्त  की  जरूरत थी जिसे  आरक्षक शशांक  ने बखूबी सहर्ष दे कर मदद की।