नरसिंहपुर: अलार्म बजते ही मरीजों को लगा आक्सीजन खत्म, हकीकत में बदल रहे थे सिलिंडर, हंगामे के बाद पहुंची पुलिस
नरसिंहपुर। जिला अस्पताल में बिस्तर क्षमता से अधिक कोविड-19 के अंतर्गत संक्रमित और संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। जिसके कारण यहां रोजाना स्वास्थ्य अमले को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। हंगामे की स्थिति निर्मित हो रही है। ताजा घटनाक्रम मंगलवार का है, जहां कोविड वार्ड में आक्सीजन संकेतक के रूप में लगे अलार्म अचानक बजते ही मरीजों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। मरीज व उनके स्वजन अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करते रहे। जिसके चलते स्वास्थ्यकर्मी वार्डों से बाहर निकल आए। आननफानन में पुलिसबल भी यहां बुला लिया गया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों को जब ये समझाया कि अलार्म आक्सीजन खत्म होने नहीं बल्कि सिलिंडर को बदलने के कारण बजा था, तब कहीं जाकर मरीज शांत हुए।
मंगलवार सुबह जिला अस्पताल के आक्सीजनयुक्त बिस्तरों के पास लगा अलार्म अचानक से बज उठा। ये सुनकर वार्ड में भर्ती मरीज व उनके स्वजन ये समझे कि शायद आक्सीजन खत्म हो गया है। इससे वे विचलित हो उठे और स्वास्थ्यकर्मियों से इस बारे में पतासाजी करते रहे। कुछ लोगों ने तो इस घटना का वीडियो मोबाइल से बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया। जिसके बाद मरीजों के परिचित, संबंधी भी जिला अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। वहीं वार्ड के अंदर अस्पतालकर्मी व मरीजों के स्वजनों में अलार्म बजने के कारणों को लेकर तू-तू, मैं-मैं भी जमकर हुई। जहां मरीज ये मानकर चल रहे थे कि आक्सीजन खत्म हो गई है, जिसके कारण ही ये अलार्म बजे हैं। वहीं अस्पतालकर्मियों का कहना था कि अलार्म बजने की वजह आक्सीजन सिलिंडर को बदलना था। इसके अंतर्गत खाली सिलिंडर को हटाकर भरा सिलिंडर लगाया जा रहा था, इसी कारण ये अलार्म बजा, ये स्वाभाविक प्रक्रिया है। ये अलार्म मात्र पांच-छह मिनट के लिए ही बजा था। कोविड वार्ड में मचे हंगामे की सूचना मिलते ही जिला अस्पताल की सिविल सर्जन व अन्य वरिष्ठ चिकित्सक मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने मरीजों व उनके स्वजनों को समझाइश दी। कुछ देर की गहमागहमी के बाद आखिरकार हंगामा खत्म हुआ।
अलार्म बजने पर भी एक चौथाई रहती है आक्सीजन: जिला अस्पताल के आक्सीजनयुक्त बिस्तरों वाले वार्ड में अलार्म बजने के मामले में जब सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल से पूछा गया तो उनका कहना था कि आक्सीजन सिलिंडर बदलने की प्रक्रिया के दौरान अलार्म बजता है। चूंकि जिला अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड आक्सीजन सिस्टम से बिस्तर हैं तो ऐसे में अलार्म बजने के दौरान भी पाइपों में एक चौथाई आक्सीजन रहती ही है। मंगलवार को अलार्म बजने का कारण भी यही था। ये स्थिति पांच-छह मिनट रही। भरा सिलिंडर लगते ही अलार्म बजना भी बंद हो गया था।
मरीज की मौत पर स्वजनों में दिखा आक्रोश: कोविड वार्ड में भर्ती करेली के एक मरीज की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजनों का आरोप था कि उन्हें आक्सीजन नहीं मिली, इसी कारण उनकी जान गई। इसे लेकर उनमें आक्रोश भी नजर आया। वे जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे।
इनका ये है कहना
आक्सीजन सिलिंडर बदलने की प्रक्रिया के दौरान कोविड वार्ड का अलार्म 5-6 मिनट के लिए बज गया था। चूंकि मरीज व उनके स्वजन इस प्रक्रिया से वाकिफ नहीं थे, इसलिए वे हंगामा करने लगे थे। आक्सीजन खत्म होने की बात पूरी तरह से निराधार है।
डॉ. अनीता अग्रवाल, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, नरसिंहपुर।