भोपाल। प्रदेश में रेत की आपूर्ति बनाये रखने के लिये राज्य शासन द्वारा नये निर्देश जारी किये गये हैं। अनुबंध निष्पादित न होने वाले तथा निविदा निरस्त होने वाले जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इन जिलों में पूर्व निविदाकारों से 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी पर पुन: अनुबंध किया जा सकेगा।
महाप्रबंधक द मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड आशुतोष टेमले ने बताया कि प्रदेश के 41 जिलों में रेत खनन की निविदा जारी कर खनन कार्य निर्बाध रूप से प्रारंभ हो चुका है। लेकिन तीन जिलों होशंगाबाद, मण्डला और अशोकनगर जिलों में निविदाकारों द्वारा अपेक्षित राशि जमा न करने पर निविदा निरस्त कर दी गई है तथा आगर-मालवा और उज्जैन जिलों में निविदा प्राप्त नहीं हुई है। इन जिलों में नये निविदाकारों से अनुबंध निष्पादन तक अथवा एक वर्ष, जो भी पूर्व में हो, उस अवधि के लिये पूर्व निविदाकारों (ठेकेदारों) से पुरानी दर पर 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर पुन: अनुबंध किया जा सकेगा। ऐसे जिले, जिनमें अनुबंध निष्पादित नहीं हुआ है, उन जिलों में शासकीय निर्माण कार्यों के लिये कलेक्टर अस्थाई परमिट जारी कर सकेंगे।
महाप्रबंधक ने बताया कि राज्य शासन द्वारा होशंगाबाद, मण्डला, अशोकनगर, आगर-मालवा एवं उज्जैन के लिये शीघ्र ही निविदा जारी की जा रही है। नवीन रेत नियम के तहत प्राप्त निविदा में से जिला भिण्ड, सीहोर, दतिया, कटनी, हरदा, शिवपुरी, डिण्डोरी, सिंगरौली, शहडोल, बैतूल, अलीराजपुर, ग्वालियर, टीकमगढ़, उमरिया एवं धार जिलों में नवीन निविदाकारों द्वारा खदानों का संचालन भी आरंभ कर दिया गया है।