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बिजलीकर्मियों ने रखा काम बंद, निजीकरण का जिलेभर में विरोध, 5 फरवरी को जबलपुर में प्रदर्शन

नरसिंहपुर/गाडरवारा।   निजीकरण के विरोध और छह सूत्रीय मांगों के समर्थन में बुधवार को जिलेभर में बिजलीकर्मियों ने एक दिन के लिए काम बंद रखा।  5 फरवरी को जिले के कर्मचारी जबलपुर स्थित बिजली कंपनी के मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे।
जिला मुख्यालय समेत गाडरवारा, करेली में बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया।  एकतरफा विद्युत सुधार अधिनियम 2021 एवं वितरण कंपनियों के लिए निजीकरण के लिए एसबीडी लाकर निजीकरण करने की तैयारी है, जिससे आम उपभोक्ता, किसानों समेत विद्युत कर्मियों का भविष्य अंधकारमय होने का अंदेशा है। कर्मचारियों ने बताया कि निजीकरण की तैयारी के चलते 3 फरवरी को पूरे देश में बिजलीकर्मियों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय काम का बहिष्कार व केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया है।


मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन (इंटक) ने विद्युत कंपनियों के घाटे के लिए सरकारी नीतियों-योजनाओं को प्रमुख वजह माना है। निजीकरण के विरोध में इंटक द्वारा जारी बयान के अनुसार कतिपय जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए एक बत्ती कनेक्शन, किसानों को 5 एचपी तक मुफ्त बिजली व अन्य रियायतें देना शुरू कर दिया है। इस प्रकार की योजनाओं को लागू करने में राजनीतिक दलों ने वाहवाही तो खूब लूटी लेकिन बिजली बोर्ड का बंटाधार कर दिया। इस प्रकार की नीतियों से उपभोक्ताओं में बिल जमा न करने की मानसिकता पनपी है। परिणामस्वरूप विद्युत विभाग की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। प्राय: सभी कंपनी घाटे में चल रही है, अब विद्युत कंपनी का निजीकरण करने की नियत से बिल लाया जा रहा है।  इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इंटक के जिला सचिव अशोक गुप्ता ने बताया कि विभिन्न् कर्मचारी संघ को शामिल कर संयुक्त मोर्चा का गठन कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसके तहत विभिन्न मांगों को लेकर 5 फरवरी को जबलपुर मुख्यालय के समक्ष  सभा व प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पेंशन संघ व आउटसोर्स संघ अपनी सहभागिता देंगे। श्री गुप्ता ने सभी कर्मचारियों से आंदोलन में शामिल होकर अपने अधिकार सुरक्षित करने की अपील की है।