नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज निर्माण भवन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की डिजिटल बैठक में डिजिटल माध्यस से भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने की। इस बैठक में चर्चा का प्रमुख विषय दुनिया भर में जारी कोविड संकट था।
डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संबोधन की शुरूआत में कोविड-19 की चपेट में आने की वजह से दुनिया भर में हुई मौतों पर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस महामारी को काबू करने के लिए भारत की राजनीतिक प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कैसे प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से हालात की निगरानी की है और जानलेवा कोविड वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक काफी सक्रिय और क्रमिक प्रतिक्रिया सुनिश्चित की।
डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड बीमारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि घातक वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक क्रमबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की गई जिसमें यात्रा सलाह जारी करना, शहर या राज्यों में प्रवेश के स्थानों की निगरानी, समुदाय आधारित निगरानी, प्रयोगशाला तथा अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना, कोविड प्रकोप तथा लोगों में इसके वायरस के संचार के जोखिम के विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन पर तकनीकी दिशा-निर्देश का व्यापक स्तर पर जारी किया जाना आदि शामिल था। उन्होंने बताया कि लगातार लॉकडाउन के दौरान भारत को तकनीकी ज्ञान बढ़ाने,प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने,अस्पतालों के बुनियादी ढांचे और इसके फार्मास्युटिकल और गैर-फार्मास्युटिकल इलाज की व्यवस्था के निर्माण के लिए आवश्यक समय और अवसर भी मिला।
डॉ. हर्षवर्धन ने एससीओ के सभी सदस्य देशों से संकट की इस घड़ी में जाग उठने और स्वास्थ्य तथा अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रभाव को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने महामारी से निपटने में लगे सभी फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों को बधाई देते हुए अपना संबोधन खत्म किया और कहा कि वे “मानवता के लिए भगवान से कम नहीं” हैं।