नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिला फिलहाल सुरक्षित है। जिले को उन लोगों से बिलकुल भी खतरा नहीं है जो घरों में लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। साथ ही जिन्होंने 46 दिन पहले तक अन्य जिलों से आना-जाना नहीं किया था। जिले को सबसे अधिक खतरा उन लोगों से है जो 20 मार्च के बाद देश-प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हैं। इनकी तादाद करीब 20 हजार है। इनमें से बहुत से लोगों को कोरन्टाइन कराया गया है, जबकि बहुत से लोग आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। बाहर से आए चिन्हित ऐसे लोगों की जांच अब रैपिड किट से कराई जायेगी।
यह जानकारी 3 मई को कलेक्टर दीपक सक्सेना और एसपी डॉ गुरूकरण ने फेसबुक लाइव के जरिये दी। अधिकारियों ने बताया कि देश-प्रदेश के रेड जोन से आए लोग ही नरसिंहपुर जिले में संक्रमण की वजह बन सकते हैं। ऐसे लोगों पर प्रशासन नजर रखे हुए है। भले ही प्रारंभिक जांच में ये लोग बुखार, जुकाम आदि से पीड़ित नहीं पाए गए हों, लेकिन इससे ये संक्रमण का खतरा टल नहीं जाता है। जिले में जांच का दायरा बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अब रैपिड किट के जरिये चिन्हित बाहरी लोगों की जांच करेगी। एक सवाल के जवाब में डॉ गुरूकरण ने स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण के लिए जरुरी नहीं है कि किसी को बुखार, सर्दी, खांसी रहना जरुरी हो। संभव है कि व्यक्ति इन लक्षणों से मुक्त होकर भी संक्रमित हो जाए। इसलिए जांच का दायरा बढ़ने के लिए जिला प्रशासन रैपिड किट की मदद लेगा।
अब तक कुल 92 जांचें: कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि आईसीएमआर और केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हमने 92 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अब रैपिड किट के माध्यम से जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। ताकि किसी भी तरह की आशंका से जिला मुक्त रह सके।
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