नरसिंहपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आ सकती है। इस अंदेशे के मद्देनजर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन की तैयारियां जोरों पर है। जिला अस्पताल में आइसीयू में बिस्तरों के साथ-साथ वेंटिलेटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। युद्ध स्तर पर जारी सभी निर्माण की कलेक्टर खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कलेक्टर वेदप्रकाश ने शनिवार को डीआरडीओ का आक्सीजन प्लांट भी पूरी तरह से तैयार घोषित कर दिया।
जिला अस्पताल में अभी आइसीयू के अंतर्गत 12 बिस्तरों वाले बेड हैं। वहीं वर्तमान में अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में नया अल्ट्रा माडर्न आइसीयू निर्मित किया जा रहा है। इसके लिए साजो सामान भी आ चुके हैं। यहां पर 20 बिस्तरों की व्यवस्था होगी। इस तरह जिला अस्पताल में 32 बिस्तरों की क्षमता वाला आइसीयू वार्ड स्थापित हो जाएगा। वर्तमान में इतने आइसीयू बिस्तर जिले के किसी भी निजी अस्पताल में भी नहीं हैं। इस आइसीयू में 24 घंटे मरीजों की निगरानी के लिए विशेषज्ञ नर्सिंग स्टाफ की तैनाती भी की जा रही है।
बच्चों के लिए आइसीयू बिस्तर बढ़ेंगे: कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। इस आशंका के मद्देनजर जिला अस्पताल में बच्चों के बेहतर इलाज और गंभीर हालत में उन्हें इलाज की सुविधा मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत यहां पर ऊपरी मंजिल में बच्चों के लिए अलग से आइसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। इसमें बिस्तरों की क्षमता 16 होगी। अभी तक बच्चों के लिए आइसीयू के बिस्तरों की संख्या महज 8 ही है। वहीं सामान्य बीमारी वाले बच्चों के लिए भी अलग से वार्ड भी निर्मित किया जा रहा है। इसमें भी बिस्तरों की संख्या 20 के आसपास रहेगी। इन वार्डों में आक्सीजन की 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना पर काम चल रहा है।
वेंटिलेटरों की बढ़ रही संख्या: कोरोना की दूसरी लहर में अत्यंत कोविड के साथ-साथ हृदय, दमा आदि रोगों से जूझ रहे गंभीर प्रकृति के मरीजों को भर्ती करने लिए वेंटिलेटरों की कमी उभरकर सामने आई थी। यद्यपि दूसरी लहर में जिला अस्पताल में 7 वेंटिलेटर उपलब्ध थे लेकिन इनमें से दो ही चालू हो सके थे। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में 5 नए वेंटिलेटर मंगाए हैं। इस तरह यहां पर अब 14 वेंटिलेटर हो गए हैं। इन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति भी प्रक्रिया में है। चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए शासनस्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है।
अन्य सरकारी अस्पतालों में भी तैयारियां जारी: जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि जिला अस्पताल को छोड़ शेष गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा व करेली के सिविल अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अब तक 188 आक्सीजनयुक्त बिस्तर बिछाए जा चुके हैं। इससे आसपास के सैकड़ों गांवों के मरीजों को जरूरत के मुताबिक आक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी। गाडरवारा के सिविल अस्पताल में अत्याधुनिक पैथोलॉजी लैब स्थापित की जा चुकी है। यहां पर 500 लीटर प्रति मिनट आपूर्ति वाले आक्सीजन प्लांट की स्थापना एनटीपीसी द्वारा कराई जा रही है। इसी तरह यहां पर आक्सीजनयुक्त बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाने पर काम हो रहा है। गोटेगांव के अस्पताल में 300 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पादित करने वाला प्लांट शासन स्तर से मंजूर हो चुका है। इसका काम भी शुरू हो गया है। रोंसरा-तेंदूखेड़ा में भी नए आक्सीजन प्लांट का प्रस्ताव विचाराधीन है।
जिला अस्पताल में डीआरडीओ का आक्सीजन प्लांट आपूर्ति के लिए तैयार
जिला अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी ने मरीजों-चिकित्सकों सभी को रुलाकर रख दिया था। इसे देखते हुए यहां पर पीएम केयर फंड से डीआरडीओ ने एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता से आक्सीजन उत्पादित करने वाला प्लांट स्थापित किया गया है। शनिवार को कलेक्टर वेदप्रकाश, सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन की मौजूदगी में भोपाल के अधिकारियों ने इसका कमीशंड किया। इसका दूसरी बार ट्रायल लिया गया, जो कि सफल रहा। प्लांट में शनिवार को हुए ट्रायल में आक्सीजन की शुद्धता का प्रतिशत 89 से 93 के लेवल के बीच घटता-बढ़ता रहा। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार ट्रायल के दौरान प्लांट के सिलिंडर खाली होने के कारण इस लेवल में उतार-चढ़ाव आ रहा है। जब प्लांट पूरी क्षमता से चलेगा तो इसका लेवल आदर्श स्थिति में रहेगा। वहीं प्लांट से अस्पताल के वार्डों में बिछाई गई सप्लाई लाइन की भी टेस्टिंग की गई। इस दौरान वार्डों में रखे गए आक्सीजन सिलिंडरों को डिस्कनेक्ट किया गया। अधिकारियों के अनुसार छोटे-मोटे काम भी एक-दो दिन में पूरे हो जाएंगे। हालांकि प्लांट आक्सीजन की आपूर्ति के लिए अब पूरी तरह से तैयार है। इस प्लांट के शुरू होने के बाद जिला अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। एक हजार लीटर प्रति मिनट आक्सीजन आपूर्ति के अलावा जिला अस्पताल में रिफिल किए गए आक्सीजन सिलिंडर भी उपलब्ध रहेंगे। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार जिला अस्पताल में आने वाले दिनों में एक साथ 500 मरीजों को 24 घंटे आक्सीजन दी जा सकेगी। ये क्षमता दूसरी लहर के मुकाबले करीब ढाई गुना अधिक है। अभी तक जिला अस्पताल में आक्सीजन सपोर्टेड बिस्तरों की संख्या 145 है।
इनका ये है कहना
स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित हर जरूरी उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल में डीआरडीओ के आक्सीजन प्लांट का कमीशंड हो गया है। ये प्लांट अब आक्सीजन आपूर्ति के लिए तैयार है। अस्पताल में नए वार्डों की स्थापना की जा रही है। आइसीयू को अत्याधुनिक बनाने के साथ-साथ इसकी क्षमता भी बढ़ा रहे हैं। जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को उन्न्त बनाया जा रहा है। चिकित्सकों-पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत के मुताबिक तैनाती की जाएगी।
वेदप्रकाश, कलेक्टर, नरसिंहपुर।