पलोहाबड़ा थाने में पुलिस अभिरक्षा के दौरान वीरेंद्र सिंह लोधी उम्र 35 साल पिता पंचमलाल उर्फ टंटू लोधी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई है। घटनाक्रम मंगलवार देर रात करीब ढाई बजे का बताया जा रहा है। इस मामले में पलोहा पुलिस की थ्योरी ये है कि थाने का लाकअप खराब था, इसलिए वीरेंद्र को थाना परिसर के ही एक पिलर से बांध दिया गया था। उसके पैर में जंजीर डाली गई थी, हाथों में हथकड़ी लगी थी। रात करीब ढाई बजे नींद से जागने पर वीरेंद्र ने हाथों के सहारे जंजीर को खींचकर उसे अपने गले में लपेटना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने अपना पैर उचका लिया जिससे उसका गला दब गया, सांस रुक गई और उसने दम तोड़ दिया। हालांकि इस थ्योरी में एक कमी ये है कि घटना का जिस तरह के जीवंत चित्रण किया गया, उसका गवाह कोई नहीं है। ऐसे में पुलिस पर सवाल ये है कि आखिर इस थ्योरी को जिसने गढ़ा वह मौके पर मौजूद था, यदि हां तो युवक को ऐसा कृत्य करने से रोका क्यों नहीं गया। दूसरा सवाल ये है कि यदि किसी ने घटना नहीं देखी तो क्या ये मान लें कि पुलिसकर्मी थाने में मौजूद ही नहीं थे, या फिर वे सो गए थे। मुलजिम को किसकी निगरानी में छोड़ा गया था। इन सवालों के जवाब पलोहा पुलिस के पास नहीं है।
पलोहाबड़ा पहुंचे न्यायिक अधिकारी: पलोहाबड़ा थाने में पुलिस अभिरक्षा के दौरान वीरेंद्र पिता टंटू की मौत के बाद जिला न्यायाधीश के निर्देश पर न्यायिक अधिकारियों की विशेष टीम गठित की गई। ये टीम बुधवार दोपहर घटनास्थल पहुंची। यहां टीम ने मृतक के स्वजनों के बयानों समेत घटनास्थल, थाना परिसर की वीडियोग्राफी कराई। देर शाम को न्यायिक अधिकारी वापस जिला मुख्यालय आ गए। इस मामले की जांच जारी है।
इनका ये है कहनानाबालिग के अपहरण, दुष्कर्म के मामले में वीरेंद्र पिता टंटू लोधी को पुलिस ने पीथमपुर से गिरफ्तार किया था। जिसकी पलोहाबड़ा थाने में मंगलवार रात मौत हो गई। लॉकअप खराब होने के कारण आरोपित को पिलर से जिस जंजीर के सहारे बांधा गया था, उसने उसी को गले में लपेट लिया था। पैर उचकाते ही उसकी जान चली गई। मामले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही को देखते हुए थाना प्रभारी सरोज ठाकुर समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की न्यायिक जांच भी शुरू हो गई है। जांच रिपोर्ट के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।विपुल श्रीवास्तव, एसपी, नरसिंहपुर।