नरसिंहपुर। गाडरवारा-करेली मार्ग पर ग्राम कौड़िया के पास सोमवार की सुबह विलुप्त प्रजाति का जीव पैंगोलिन सड़क पर मृत हालत में मिला। ग्रामीणों ने जब इस जीव को देखा तो वह पहचान नहीं पाए और जागरूकता दिखाते हुए तत्काल वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर वन विभाग की टीम ने पैंगोलिन के शव को सुरक्षित करते उसका पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई की। अधिकारियों का कहना है कि पैंगोलिन की खाल बेहद कीमती होती है और इसकी तस्करी भी होती है। पहले यह छिंदवाड़ा जिले के जंगल में भी अधिक पाया जाता था।
सोमवार की सुबह कौड़िया के ग्रामीणों ने हनुमान मंदिर के पास सड़क पर एक वन्यजीव को मृत हालत में देखा। जो देखने में अजीब लगने और पहचान में न आने के कारण मौके पर देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी तो मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि मृत वन्यजीव पैंगोलिन है जो विलुप्त प्रजाति का है और जिले में बेहद कम पाया जाता है। एसडीओ वन प्रदीप चौपड़ा ने बताया कि पैंगोलिन का जूलाजीकल नाम मेनीकेसीकोडेटा है और यह जीभ से चीटीं व उनके अंडो को खाता है। इस जीव की यह एक खासियत है कि जब भी इसे कोई खतरा महसूस होता है तो यह अपना आकार गेंद की तरह कर लेता है। इसकी चमड़ी बेहद कीमती होती है और कई स्थानों पर इसकी चमड़ी की तस्करी भी होती है। पूर्व में यह पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा के जंगलों में भी देखने मिलता था। लेकिन अब इसकी प्रजाति विलुप्त हो रही है। श्री चौपड़ा ने बताया कि मृत पैंगोलिन का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है जिसके बाद ही पता चल सकेगा कि यह नर है या मादा और इसकी फिलहाल कितनी आयु थी। पैंगोलिन की मौत का कारण अधिकारी यह मान रहे है कि सड़क पार करने के दौरान किसी वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हुई हो। वन परिक्षेत्र अधिकारी जेडी पटैल, वनरक्षक घनश्याम श्रीवास, अमन खरे, नारायण, सुरेश ठाकुर की टीम ने मौके से पैंगोलिन का शव वाहन में रखवाने की कार्रवाई की।